
School Reopen: कोरोना संक्रमण के घटते मामलों को देखते हुए देशभर में स्कूलों को एक बार फिर से खोलने की तैयारी हो रही है. इसी दिशा में कदम उठाते हुए कर्नाटक में COVID-19 स्थिति के संबंध में सीएम बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता में सोमवार को एक बैठक हुई. इस फैसले में सरकार ने 6 सितंबर से कक्षा 6-8 के लिए स्कूल फिर से खोलने का फैसला किया.
कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि राज्य में COVID पॉजिटिविटी रेट दो प्रतिशत तक घटने के बाद अब कक्षा 6 से 8 तक की कक्षाएं फिर से शुरू होंगी. स्कूलों में सप्ताह में 5 दिन 50% उपस्थिति के साथ क्लासेज संचालित होंगी. मंत्री आर अशोक ने कहा कि विशेषज्ञ पैनल के साथ चर्चा के बाद सरकार ने 2 प्रतिशत से कम कोविड-19 सकारात्मक दरों वाले क्षेत्रों में स्कूलों को फिर से खोलने का फैसला किया है.
वहीं माता-पिता इस फैसले से खुश नहीं हैं. अभिभावक योलान्डा (बदला हुआ नाम) का बेटा बेंगलुरु के एक निजी स्कूल में छठी कक्षा में पढ़ता है. इंडिया टुडे से बातचीत में योलांडा ने कहा कि वो अपने बेटे को कम से कम तब तक स्कूल नहीं भेजेगी जब तक कि उसका टीकाकरण नहीं हो जाता. वह कहती हैं कि स्कूल हर समय छात्रों की वैसे निगरानी नहीं कर सकते जैसे घर पर माता-पिता कर सकते हैं.
उसका बेटा, एरिक (बदला हुआ नाम) दूसरी कक्षा में है. वो अपने दोस्तों से मिलने जाना चाहता है और इसलिए स्कूल वापस जाना चाहता है. साथ ही उसका कहना है कि घर वापस आने तक लगातार मास्क लगाकर बैठना मुश्किल होगा. एक अन्य अभिभावक सोलंकी (बदला हुआ नाम) को आश्चर्य है कि क्या उनके बच्चों के कोविड पॉजिटिव होने पर स्कूल प्रबंधन के साथ सरकार इसकी जिम्मेदारी लेगी?
वो कहती हैं, 'अगर हमने 1.5 साल से अधिक समय तक इंतजार किया तो जब अब बच्चों के लिए टीका आ रहा है तो अगले जून तक इंतजार क्यों न करें और एक बार और सभी के लिए उचित ऑफ़लाइन कक्षाएं शुरू करें. कई अन्य माता-पिता कहते हैं कि कुछ बच्चे ऑफ़लाइन कक्षाओं में पढ़ना चाहते हैं ताकि अपने दोस्तों से मिल सकें लेकिन यह बहुत अधिक समस्याग्रस्त साबित होगा.
प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के एसोसिएटेड मैनेजमेंट के महासचिव डी शशि कुमार ने इंडिया टुडे को बताया कि वे माता-पिता जिन्होंने सहयोग किया है और फीस का भुगतान किया है, वे सिस्टम में हैं और उनके बच्चे स्कूल आएंगे क्योंकि वे हम पर भरोसा करते हैं. हम मानते हैं कि निरंतर सीखना आवश्यक है लेकिन ये वो माता-पिता हैं जो फीस भुगतान करने से बच रहे हैं वो अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे.
बता दें कि राज्य सरकार अब युवा छात्रों को सुरक्षित रखने के लिए गाइडलाइन लेकर आई है. राज्य सरकार ने कहा कि कक्षा 6 से 8 तक सप्ताह में पांच दिन खुले रहेंगे और सप्ताहांत के दौरान स्कूलों को सेनेटाइज किया जाएगा. छात्रों को अनिवार्य रूप से फेस मास्क पहनना होगा और सोशल डिस्टेंस बनाए रखना होगा.