
Shikshak Parv 2021: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज से 17 सितंबर तक चलने वाले शिक्षक पर्व 2021 का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने देश भर में शहर और गांवों में स्थानीय स्तर पर नेशनल एजुकेशन पॉलिसी समेत सरकार की शिक्षा के क्षेत्र में चल रही योजनाओं को पहुंचाने के लिए सेमिनार और वर्कशॉप आयोजित कराने को कहा.
बता दें कि शिक्षक पर्व पर पीएम मोदी देश के तमाम शिक्षकों और अभिभावकों से रूबरू हुए. कोरोना की वजह से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुए इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने वर्तमान परिस्थितियों में शिक्षकों की भूमिका को भी खूब सराहा. साथ ही उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलावों की घोषणा की.
पीएम मोदी ने कार्यक्रम की शुरुआत नेशनल अवॉर्ड जीतने वाले शिक्षकों को सम्मानित करने के साथ की. उन्होंने कहा कि शिक्षकों ने इस कोरोना के इस कठिन दौर में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया. पीएम मोदी ने आगे कहा कि देश में शिक्षा के लिए, विद्यार्थियों के भविष्य के लिए शिक्षकों ने जो योगदान दिया है वो अतुलनीय और सराहनीय है.
ये है शिक्षक पर्व की थीम
इस साल होने वाले शिक्षक पर्व का थीम सब्जेक्ट 'गुणवत्ता और सतत विद्यालय: भारत में विद्यालयों से ज्ञान प्राप्ति' है. इस कार्यक्रम में स्थानीय स्तरों तक शहरों और गांवों में शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित की जाएगी. साथ ही देशभर के स्कूलों में गुणवत्ता, समावेशी प्रथाओं और स्थायित्व में सुधार के लिए नए तौर-तरीकों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा.
क्या है N-DEAR, जिसे पीएम मोदी ने बताया जरूरी
पीएम मोदी ने कहा कि शिक्षा में असमानता को खत्म करके उसे और आधुनिक बनाने के प्रयास चल रहे हैं. इस दिशा में N-DEAR यानी National Digital Educational Architecture की भी बड़ी भूमिका होने वाली है. उन्होंने कहा कि N-DEAR सभी academic activities के बीच एक सुपर कनेक्ट का काम करेगा. साथ ही Talking और Audio बुक्स जैसी तकनीक को शिक्षा का हिस्सा बनाया गया है. उन्होंने टीचर्स ट्रेनिंग के लिए‘निष्ठा’कार्यक्रम को भी इंपार्टेंट बताया. .
पीएम मोदी ने कहा कि जब समाज मिलकर कुछ करता है, तो इच्छित परिणाम अवश्य मिलते हैं. आपने ये देखा है कि बीते कुछ वर्ष में जनभागीदारी अब फिर भारत का नेशनल कैरेक्टर बनता जा रहा है. पिछले 6-7 सालों में जनभागीदारी की ताकत से भारत में ऐसे-ऐसे कार्य हुए हैं, जिनकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था.