
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मेडिकल कॉलेज में दाखिले को लेकर एक बड़ी घोषणा की है. सीएम शिवराज ने बुधवार को विकास यात्रा के दौरान बालाघाट के लामता में कहा कि मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए सरकारी स्कूलों के छात्रों का भी कोटा तय किया जाएगा भले ही वह किसी भी जाति के हों.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ये बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेज में दाखिला प्रतिशत के आधार पर नीट के माध्यम से होता है लेकिन देखा गया है कि सरकारी स्कूलों के बच्चों के परिणाम कम आते है. ऐसे में सरकार एक योजना पर काम कर रही है. इस योजना के तहत सभी जाति वर्ग के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए मेडिकल कॉलेज में एक कोटा तय किया जाएगा, जहां कम प्रतिशत के बाद भी उन्हें सरकार दाखिला देगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्दी युवा सम्मेलन के दौरान इस योजना की घोषणा की जाएगी जिसको लेकर सरकारी स्तर पर तैयारी की जा रही है. साथ ही सीएम ने यह भी कहा कि मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन में NEET(नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) के आधार पर होता है. हम सरकारी स्कूलों के बच्चों के लिए कोटा तय करेंगे, चाहे वो किसी भी जाति के हों.
जनता को संबोधित करते हुए शिवराज ने पूछा कि क्या गरीब परिवारों के छात्रों और किसानों के बच्चों को डॉक्टर बनना चाहिए या नहीं? उन्होंने कहा कि नया कोटा यह सुनिश्चित करेगा कि सरकारी स्कूलों के छात्रों की एक निश्चित संख्या मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश ले.
उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल के बच्चों को सुरक्षा देनी होगी, नहीं तो वे निजी स्कूलों में पढ़ने वालों से पिछड़ जाएंगे. इसके साथ शिवराज सिंह ने बताया कि गरीब परिवारों के छात्रों के मेडिकल कॉलेज की फीस राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी. साथ ही उन्होंने बताया कि बालाघाट में एक मेडिकल कॉलेज बनाया जाएगा. बता दें, मध्य प्रदेश में इस साल चुनाव होने हैं.