
श्रावस्ती जिले के शिक्षा विभाग से जुड़ा एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर हर कोई हैरान है. दरअसल शिक्षा विभाग ने एक रिक्शा चालक को फर्जी शिक्षक बताकर उसके घर 51 लाख से अधिक की रिकवरी का नोटिस भेजा है. आरोप है कि अंबेडकर नगर के एक व्यक्ति के नाम पर मनोहर यादव श्रावस्ती मे सहायक शिक्षक थे. वहीं रिक्शा चालक इस नोटिस को लेकर दर-दर भटक रहा है. उसका पूरा परिवार परेशान है. हालांकि शिक्षा विभाग का मौखिक रूप से कहना है कि नोटिस को निरस्त कर दिया गया है.
दरअसल श्रावस्ती जनपद के बेसिक शिक्षा विभाग के द्वारा बीते शुक्रवार को भिनगा क्षेत्र के गोड़पुरवा निवासी युवक मनोहर यादव को डाक से एक नोटिस भेजा. नोटिस को मनोहर यादव पढ़ाने के लिए गांव में पढ़े-लिखे व्यक्ति के पास गए जहां पर उन्हें 51 लाख से अधिक रिकवरी के नोटिस की जानकारी हुई. नोटिस की जानकारी होने पर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. भेजे गए नोटिस में यह दावा किया गया है कि अंबेडकर नगर जिले के सुरेंद्र प्रताप सिंह के नाम पते पर रिक्शा चालक मनोहर यादव उच्च प्राथमिक विद्यालय नव्वा पुरवा में सहायक शिक्षक के पद पर फर्जी तरीके से नियुक्त थे. उसके द्वारा बीते 14 जुलाई वर्ष 2020 तक 51 लाख 63000 रुपये वेतन के रूप में लिया गया है. उसे वो हफ्ते भर में श्रावस्ती के कोषागार में जमा कर दें अन्यथा वसूली की कार्रवाई भी की जाएगी.
जानकारी के मुताबिक मनोहर यादव का पूरा परिवार भिनगा क्षेत्र के गोड़ पुरवा में निवास करता है. इस गरीब परिवार के मनोहर यादव कुछ समय से दिल्ली में रहकर हाथ रिक्शा चलाते हैं ताकि परिवार का पालन पोषण कर सकें. मनोहर यादव के रिक्शा चालक होने की सबसे बड़ी बानगी उनके हाथों पर पड़े निशान खुद बताते हैं. मनोहर यादव बताते हैं कि वो पढ़े-लिखे नहीं है, निरक्षर हैं. कुछ भी पढ़ाने के लिए उन्हें दूसरे पढ़े लिखों का सहारा लेना पड़ता है.वहीं, जिस विद्यालय में फर्जी शिक्षक की तैनाती की बात की जा रही है, वहां 2020 से पूर्व तैनात फर्जी शिक्षक के फोटो से रिक्शा चालक मनोहर यादव का फोटो तक नहीं मेल खा रहा है. फिलहाल शिक्षा विभाग का कहना है कि नोटिस को निरस्त किया गया है.ऐसे में आखिर शिक्षा विभाग से कहां चूक हुई यह सवाल उठना भी लाजमी है.
वहीं इस मामले में शिक्षा विभाग के कर्मियों का मौखिक कहना है कि नोटिस उन्हीं के कार्यालय से जारी हुई थी और फिलहाल नोटिस को निरस्त कर दिया गया है. उसी विद्यालय के वर्तमान शिक्षक जनार्दन यादव ने बताया कि मैं 2020 के बाद यहां आया हूं. फर्जी शिक्षक के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है. शिक्षक ने बताया कि मैं जब से आया हूं, यहां अकेला हूं. उन्होंने बताया कि पेपर के माध्यम से फर्जी शिक्षक पकड़े गए हैं, मुझे इसकी जानकारी हुई. रिक्शा चालक मनोहर यादव ने रोते हुए बताया कि शिक्षा विभाग से नोटिस मिला है. मैं रिक्शा चलाता हूं, देख लीजिए हाथ में निशान पड़ गया है. मैं अपने बच्चों को जिलाऊं या कहां से इसकी किस्त भरूं. हमें जब से नोटिस मिला है तब से खाना नहीं खाया.मेरे पास कुछ है नहीं जिससे ये रकम चुका पाएं.