
UGC Plan to Single Exam for NEET JEE: सीयूईटी यानी कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट, देश की न्यू एजुकेशन पॉलिसी का एक खास हिस्सा है. इसके जरिये यूनिवर्सिटीज में अब तक होने वाले मेरिट बेस्ड या एंट्रेंस टेस्ट बेस्ड एडमिशन प्रणाली को खत्म करके एक एग्जाम के स्कोर से एडमिशन दिए जाएंगे. अभी इस एग्जाम से एडमिशन प्रक्रिया को पूरी तरह छात्र समझ भी नहीं पाए थे कि यूजीसी की ओर से मेडिकल और इंजीनियरिंग परीक्षाओं को भी इसमें मर्ज करने का प्रस्ताव दिया है.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने नीट और जेईई मेन के लिए भी सीयूईटी एग्जाम कराने की योजना तैयार की है. संभव है कि मेडिकल और इंजीनियरिंग का प्रवेश भी इसी एक एंट्रेंस टेस्ट के जरिये से हो सकता है. यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार (M Jagadesh Kumar) ने TOI को बताया कि प्रस्ताव के अनुसार, तीन प्रवेश परीक्षाओं में चार विषयों मैथ, फिजिक्स, केमेस्ट्री, बायोलॉजी के लिए उपस्थित होने के बजाय छात्र एक बार परीक्षा दे सकते हैं.
इस एक परीक्षा के जरिये अध्ययन के विभिन्न क्षेत्रों के लिए योग्य हो सकते हैं. हायर एजुकेशन रेगुलेटरी आम सहमति को लेकर स्टेकहोल्डर के साथ विचार-विमर्श करने के लिए एक समिति तैयार कर रहा है. बता दें कि अलग अलग विश्वविद्यालयों और तकनीकी व मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए अलग अलग परीक्षाओं की जगह इस एक परीक्षा को लेकर तैयारी की जा रही है.
UGC अध्यक्ष का कहना है कि प्रस्ताव यह है कि क्या हम इन सभी प्रवेश परीक्षाओं को एकीकृत कर सकते हैं ताकि हमारे छात्रों को एक ही ज्ञान के आधार पर कई प्रवेश परीक्षाओं के अधीन न किया जाए? छात्रों के पास एक सिंगल प्रवेश परीक्षा होनी चाहिए, लेकिन विषयों के बीच आवेदन करने के कई अवसर होने चाहिए.
इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (मेन)’ और नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस एग्जाम- अंडरग्रेजुएट (NEET) और CUET-UG देश में तीन मेन प्रवेश परीक्षाएं हैं. इसमें करीब 43 लाख उम्मीदवारों के शामिल होने की संभावना थी. अधिकांश छात्र इनमें से कम से कम दो परीक्षाओं में शामिल होते हैं. उम्मीदवार JEE (मेन्स) के लिए भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित के लिए उपस्थित होते हैं जबकि NEET-UG में जीव विज्ञान गणित की जगह लेता है. ये विषय CUET-UG के 61 डोमेन विषयों का भी हिस्सा हैं.
एम जगदीश कुमार के अनुसार प्रस्ताव का उद्देश्य छात्रों को कई परीक्षाओं के तनाव से बचाना है. कारण यह है कि उनका परीक्षा सेम सेट के विषय के लिए किया जा रहा है. आमतौर पर कौन से प्रोग्राम उपलब्ध हैं? कुछ छात्र मेडिकल या इंजीनियरिंग में जाना पसंद कर सकते हैं. यदि वे दोनों में नहीं आते हैं तो कई सामान्य शिक्षा में शामिल होंगे. तो क्या सभी विषयों के लिए केवल एक CUET होना संभव है?
जो छात्र इंजीनियरिंग में गणित, भौतिकी, रसायन विज्ञान में अपने अंक प्राप्त करना चाहते हैं, उनका उपयोग रैंकिंग सूची के रूप में और इसी तरह मेडिकल के लिए किया जा सकता है. यदि वे मेडिकल या इंजीनियरिंग में प्रवेश नहीं करते हैं, तो CUET के तहत उनके पास गणित, भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान आदि के सेम नंबर्स के जरिये अलग अलग प्रोग्राम्स में शामिल होने का अवसर होगा. इन चारों विषयों में एक बार लिखकर विद्यार्थी विभिन्न अवसरों के लिए प्रयास कर सकते हैं.
UGC की ओर से सिंगल एग्जाम के प्रस्ताव पर स्टाक होल्डर्स के बीच विचार-विमर्श के माध्यम से आम सहमति बनाने पर विचार कर रहा है. इससे उम्मीदवारों को इसे वर्ष में दो बार परीक्षा में शामिल होने का अवसर दिया जा सके. प्लान के अनुसार पहला बोर्ड परीक्षा के बाद और दूसरा दिसंबर में हो सकता है.