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सऊदी अरब के कुछ प्राइवेट स्‍कूलों ने की पहल, करिकुलम में शामिल किए रामायण-महाभारत

सऊदी अरब में शिक्षा क्षेत्र के लिए प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विज़न 2030 के तहत तमाम देशों के इतिहास और संस्कृति काे अध्ययन में शामिल किया जा रहा है.

प्रतीकात्‍मक फोटो प्रतीकात्‍मक फोटो
गीता मोहन
  • रियाद,
  • 22 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 11:58 AM IST

सऊदी अरब के कुछ प्राइवेट स्‍कूलों ने अपने नए पाठ्यक्रम में रामायण और महाभारत को शामिल किया है. सऊदी अरब में शिक्षा क्षेत्र के लिए प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने विज़न 2030 के तहत अन्य देशों के इतिहास और संस्कृति के अध्ययन को जरूरी बताया है. इसके तहत कुछ स्‍कूलों ने रामायण और महाभारत को अपने सिलेबस में जोड़ा है. इसके पीछे की वजह ये बताई गई है कि ये अध्ययन विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण भारतीय संस्कृतियों जैसे योग और आयुर्वेद पर ध्यान केंद्रित करेगा.

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सऊदी के पाठ्यक्रम में कहा गया है कि इसके जरिये देश शिक्षित और कुशल कार्यबल का निर्माण करके वैश्विक अर्थव्यवस्था की प्रतिस्पर्धा में शामिल होगा. वहीं अलग-अलग देशों और लोगों के बीच सांस्कृतिक संवादों का आदान-प्रदान वैश्विक शांति और मानव कल्याण में सहायक है. इसीलिए यहां अंग्रेजी को भी व‍िशेषतौर पर शामिल करने पर जो द‍िया गया है.

इससे पहले, नूफ़-अल-मारवाई के नाम के एक सऊदी ट्विटर यूज़र ने अपने बेटे के पाठ्यक्रम का एक स्क्रीनशॉट साझा करते हुए कहा था कि सऊदी अरब का 'न्‍यू विज़न-2030' एक बेहतर, लिबरल और सहिष्‍णु भविष्‍य बनाने में मदद करेगा. हालांकि, यह पाठ्यक्रम सरकार द्वारा अनुमोदित होने के बावजूद, केवल सऊदी अरब में कुछ अंतरराष्ट्रीय स्कूलों में पढ़ाया जा रहा है और अ‍भी वहां के पब्लिक स्कूलों का हिस्सा नहीं है.

 

 

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