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ASER 2023: देश में कोरोना के कारण पढ़ाई पर हुए असर की ताजा तस्वीर सामने आई है. बुधवार को जारी हुई Annual Status of Education Report (ASER 2023) के आंकड़ों से पता चला है कि कोरोना के चलते देश में पढ़ाई की गुणवत्ता का स्तर खराब हुआ है. यही कारण है कि देश में सरकारी और प्राइवेट स्कूल के लगभग 31% बच्चे प्राइवेट कोचिंग में पढ़ रहे हैं.
रिपोर्ट के आंकड़े बताते हैं कि वर्तमान में, देश में कक्षा 1 से 8 तक के 30.5% बच्चें प्राइवेट ट्यूशन ले रहे हैं. साल 2018 में यह आंकड़ा 26.4% था. यूपी, बिहार और झारखंड में साल 2018 के मुकाबले 2022 में प्राइवेट ट्यूशन लेने वाले बच्चे 8% तक बढ़ गए हैं. हालांकि, गुजरात में प्राइवेट ट्यूशन लेने वाले बच्चों की संख्या 2018 से लगभग 5% घटी है. राजस्थान में प्राइवेट ट्यूशन पढ़ने वाले बच्चों की संख्या सबसे कम है.
राज्यवार इतने बढ़े प्राइवेट ट्यूशन
राज्य | 2018 | 2022 |
बिहार | 61.6% | 71.5% |
झारखंड | 36.9% | 45.2% |
पंजाब | 30.6% | 30.6% |
उत्तर प्रदेश | 15.7% | 23.6% |
हरियाणा | 17.3% | 19.5% |
महाराष्ट्र | 11.6% | 15.1% |
मध्यप्रदेश | 11% | 15% |
गुजरात | 14.8% | 9.6% |
छत्तीसगढ़ | 2.7% | 5.2% |
राजस्थान | 4.5% | 4.6% |
बिहार में 71.5% बच्चे प्राइवेट कोचिंग पर निर्भर हैं जबकि बंगाल में यह आंकड़ा 74% है, जोकि देश में सबसे ज्यादा है. रिपोर्ट यह भी बताती है कि साल 2018 के बाद से सरकारी स्कूलों में बच्चों के एनरोलमेंट में बढ़ोतरी हुई है, जबकि प्राइवेट स्कूलों में दाखिले घटे हैं. 616 जिलों के 19,060 गांवों में लगभग 7 लाख बच्चों पर यह सर्वे किया गया है. इस सर्वे में 3,74,544 घरों और 3 से 16 वर्ष की आयु के 6,99,597 बच्चों को शामिल किया गया है.