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पढ़ाई के लिए दूसरों के खेतों में किया काम, 7 साल की कोशिश के बाद पाई सेना में नौकरी

Job in Army Success Story: गरीब परिवार की वजह से संध्या ने अपनी पढ़ाई के लिए दूसरो के खेतों में मजदूरी की. 12वीं पास करने के बाद संध्या ने एक प्राइवेट स्कूल में जॉब कर आगे की पढ़ाई जारी रखी. उसके बाद संध्या ने एमए फाइनल किया .

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पंकज शर्मा
  • राजगढ़,
  • 20 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 1:50 PM IST
  • अप्रैल, 2021 में हुआ सेना में चयन
  • पिता करते हैं मजदूरी

Latest Success Story: मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में एक अनोखा नजारा देखने को मिला, जब गांव के एक गरीब परिवार की बेटी फौज की ट्रेनिंग कर पहली बार वर्दी में अपने गांव आई, तो ग्रामीणों ने उसका अनोखा स्वागत किया. लोगों ने उन्हें घोड़े पर बैठाकर पूरे गांव मे उसका जुलूस निकाला जहां गांव मे हर घर के बाहर उसका हार माला पहनाकर भव्य स्वागत किया गया. 

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राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ तहसील के ग्राम पिपल्या रसोड़ा गांव में रहने वाले मजदूर देवचंद भिलाला की बेटी संध्या भिलाला का अप्रैल, 2021 में सीमा सुरक्षा बल (BSF) में चयन हुआ था. देवचंद भिलाला मजदूरी करते है, जिनकी तीन बेटियां व दो बेटे है. 

गरीब परिवार की वजह से संध्या ने अपनी पढ़ाई के लिए दूसरों के खेतों में मजदूरी की. 12वीं पास करने के बाद संध्या ने एक प्राइवेट स्कूल में जॉब कर आगे की पढ़ाई जारी रखी. उसके बाद संध्या ने एमए फाइनल किया. गांव मे पहले से दो लोग फौज में थे, उन्हीं से प्रेरित हो कर संध्या ने भी सेना में जाने का मन बना लिया.

इसके लिए संध्या ने सेना में जाने के लिए तैयारी शुरू कर दी और अपने काम के साथ साथ उसने रात-रात भर पढ़ाई की और सुबह 5 बजे उठकर दौड़ चालू कर दी. लेकिन उन्हें दो बार इसमें असफल मिली पर उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार 7 साल प्रयास करने के बाद संध्या का चयन सीमा सुरक्षा बल के लिए हो गया. वे अब नेपाल भूटान की बॉर्डर पर सुरक्षा करेंगी.

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