
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश राज्य से नीट पीजी काउंसलिंग के स्टेट मॉप-अप राउंड को नए सिरे से आयोजित करने के लिए कहा है. सर्वोच्च न्यायालय की ओर से यह आदेश इसलिए पारित किया गया है क्योंकि राज्य ने अखिल भारतीय मॉप अप राउंड से पहले ही अपना स्टेट मॉप अप राउंड आयोजित कर लिया है.
SC का कहना है कि यह आवश्यक था क्योंकि ऑल इंडिया कोटा मॉप अप राउंड 19 नवंबर को पूरा हो रहा है. ऑल इंडिया कोटा राउंड के बाद आवंटन के आधार पर स्टेट राउंड के परिणामों को अधिसूचित करना होगा. राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद और इस अदालत दोनों ने हाल ही में 11 नवंबर 2023 को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि अखिल भारतीय कोटा के लिए मॉप-अप राज्य के मॉप-अप से पहले किया जाना है. कोर्ट ने कहा कि राज्य की कार्रवाई के परिणामस्वरूप एक ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, जहां कई छात्रों ने राज्य और ऑल इंडिया कोटा दोनों दौर की काउंसलिंग में सीटें अवरुद्ध कर दी हैं, जिससे मेधावी छात्र अधर में हैं.
वहीं छत्तीसगढ़ में लगातार विवादों के बाद चिकित्सा शिक्षा संचनालय ने मेडिकल पीजी के मॉप-अप राउंड की पूरी आवंटन सूची ही रद्द कर दी. अब आज बुधवार को नए सिरे से आवंटन सूची जारी की जाएगी. aajtak.in ने इस खबर को 16 नवंबर प्रमुखता से छापा था. खबर के अनुसार 29 छात्रों को केंद्र और राज्य कोटे दोनों से ही सीट आवंटित कर दी गई थी. इसके बाद मामला आला अफसरों तक पहुंच गया. बढ़ते विवाद के बाद सूची ही रद्द कर दी गई. पुरानी आवंटन सूची में एक और बड़ी खामी सामने आई कि NRI कोटे की सीटों को एससी कैटेगरी के छात्रों को आवंटन कर दिया था.
नियमानुसार एससी नो क्लास की खाली सीटों को एनआरआई एससी नो क्लास में परिवर्तित करना था लेकिन यह सीटें सीधे एससी कैटेगरी के छात्रों को आवंटित कर दी गई क्योंकि टाइपिंग में एनआरआई शब्द छूट गया था. डीएमई की वेबसाइट पर जो नोटिस जारी किया गया था उसमें कंप्यूटर प्रोग्रामर्स ने संचालन चिकित्सा शिक्षा को मॉप-अप राउंड की त्रुटि के बारे में बताया है. साथ ही कहा गया है कि गलत आवंटन में पूरी सूची प्रभावित हुई है. प्रोग्रामर्स के पत्र के बाद डीएमई डॉ विष्णु दत्त ने पूरी सूची को रद्द कर नए सिरे से आवंटन सूची जारी करने को कहा है.