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यूक्रेन से लौटे मेड‍िकल छात्रों की याचिकाओं पर 5 सितंबर को होगी सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोट‍िस

रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान अपने वतन लौटे मेडिकल छात्र लगातार मांग कर रहे हैं कि उन्हें भारत में अपनी पढ़ाई जारी रखने दिया जाए. इस मांग को लेकर छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं लगाई थीं. सिफारिश में कहा गया था कि छात्रों को उनकी स्थिति को देखते हुए भारतीय कॉलेजों में समायोजित किया जाना चाहिए.

supreme court supreme court
कनु सारदा
  • नई दिल्ली,
  • 26 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 2:35 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों की भारत में अपनी पढ़ाई जारी रखने की अनुमति देने की मांग वाली याचिकाओं पर नोटिस जारी किया. मामले की सुनवाई पांच सितंबर को होगी. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ये मामला कब पहुंचा. 

रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान अपने वतन लौटे मेडिकल छात्र लगातार मांग कर रहे हैं कि उन्हें भारत में अपनी पढ़ाई जारी रखने दिया जाए. इस मांग को लेकर छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं लगाई थीं. सुप्रीम कोर्ट ने यूक्रेन से लौटे इन मेडिकल छात्रों की भारत में अपनी पढ़ाई जारी रखने की अनुमति देने की मांग वाली सभी याचिकाओं पर नोटिस जारी किया है. अब इस पूरे मामले की सुनवाई पांच सितंबर को होगी.

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वरिष्ठ अधिवक्ता आर बसंत ने छात्रों के लिए तर्क देते हुए केंद्र से इन छात्रों के लिए कुछ स्टैंड लेने का आग्रह किया. उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि मामले की जल्द से जल्द सुनवाई हो. इस पर बेंच ने कहा कि मामले की सुनवाई 5 सितंबर को होने दें.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) को उन याचिकाओं के एक बैच पर नोटिस जारी किया है. जो युद्धग्रस्त यूक्रेन से वापस आए छात्रों द्वारा दायर की गई थीं. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने एक सिफारिश का हवाला दिया, जो विदेश मामलों की स्थायी समिति द्वारा लोकसभा को सौंपी गई थी. सिफारिश में कहा गया था कि छात्रों को उनकी स्थिति को देखते हुए भारतीय कॉलेजों में समायोजित किया जाना चाहिए.

बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 29 अप्रैल को नेशनल मेडिकल काउंसिल को रूस-यूक्रेन युद्ध और कोविड महामारी से प्रभावित एमबीबीएस छात्रों को एक बार के उपाय के रूप में यहां के मेडिकल कॉलेजों में अपना क्लीनिकल ट्रेनिंग पूरा करने की छूट देने को लेकर दो महीने में एक योजना तैयार करने का निर्देश दिया था. 

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इस पर एनएमसी ने नोट‍िस जारी करके बताया था कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 29 अप्रैल को पारित आदेश के अनुसार यह सूचित किया जाता है कि भारतीय छात्र जो अपने स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष में थे और कोविड-19 या रूस-यूक्रेन युद्ध आदि के कारण अपने विदेशी चिकित्सा संस्थान को छोड़कर भारत लौट आए और बाद में अपनी पढ़ाई पूरी कर ली है. उन्हें FMG परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी. छात्रों को 30 जून, 2022 को या उससे पहले अपने संबंधित संस्थान द्वारा पाठ्यक्रम पूरा करने का प्रमाण पत्र प्राप्त करना आवश्यक है.   

इस पर छात्रों का ये कहना है कि ज‍िन छात्रों ने पढ़ाई पूरी कर ली है, इसके अलावा जो एक या दो साल की ही पढ़ाई पूरी कर पाए हैं, उनका भव‍िष्य अधर में है.

 

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