
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के विजेताओं से बातचीत की और यूथ ब्रेन को आकार देने में उनके योगदान की सराहना की. उन्होंने अपने आवास पर पुरस्कार विजेताओं से बातचीत की और उनके साथ शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सहित अन्य लोग भी शामिल हुए.
शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, देश भर से कुल 75 शिक्षकों को इस पुरस्कार के लिए चुना गया है, जो उन्हें 5 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा प्रदान किया जाएगा. चयनित पुरस्कार विजेताओं में 50 स्कूल शिक्षक, उच्च शिक्षा संस्थानों के 13 शिक्षक और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के 12 शिक्षक शामिल हैं.
शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने PTI से कहा कि राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार का उद्देश्य देश में शिक्षकों के अद्वितीय योगदान का जश्न मनाना और उन शिक्षकों को सम्मानित करना है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता और समर्पण के माध्यम से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध बनाया है.
शिक्षक दिवस पर किया जाएगा सम्मानित
दरअसल, हर साल 5 सितंबर को भारत के पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस (Teacher's Day) के रूप में मनाया जाता है. इस मौके पर देश में शिक्षकों के अद्वितीय योगदान को प्रोत्साहित करना और उन सभी शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता और समर्पण के माध्यम से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध बनाया है.
75 शिक्षकों को किया जाएगा सम्मानित
इस साल 5 सितंबर 2023 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में 75 चयनित पुरस्कार विजेताओं को 'राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2023' से सम्मानित किया जाएगा. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President of India Draupadi Murmu) शिक्षकों को पुरस्कृत करेंगी. इनमें 50 स्कूली शिक्षक, उच्च शिक्षा के 13 शिक्षक और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के 12 शिक्षक शामिल हैं.
शिक्षकों को मिलेंगे 50 हजार रुपये
शिक्षा मंत्रायल के अनुसार, शिक्षकों को दिए गए प्रत्येक पुरस्कार में योग्यता प्रमाण पत्र, 50,000 रुपये का नकद पुरस्कार और एक एक रजत पदक दिया जाता है. पुरस्कार विजेताओं को प्रधानमंत्री के साथ बातचीत करने का भी मौका मिलेगा. शिक्षकों के चयन के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री द्वारा प्रतिष्ठित व्यक्तियों से युक्त तीन अलग-अलग स्वतंत्र राष्ट्रीय जूरी का गठन किया गया था. शिक्षण, अनुसंधान, सामुदायिक आउटरीच और काम की नवीनता (जनभागीदारी) में नवाचार को मान्यता देने के लिए भागीदारी को अधिकतम करने के लिए नामांकन ऑनलाइन मांगे गए थे.