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नहीं थम रही छात्र आत्महत्या... IIT कानपुर में PhD छात्रा ने लगाई फांसी, दो महीने में तीसरा सुसाइड

Student Suicide: छात्रा ने आईआईटी कानपुर में पीएचडी केमिकल इंजीनियरिंग में पिछले महीने 29 दिसंबर 2023 को जॉइन किया था. छात्रा के पिता का नाम नरेंद्र जायसवाल है, जो दुमका झारखंड के रहने वाले हैं.

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सिमर चावला
  • कानपुर,
  • 18 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 4:10 PM IST

यूं तो आईआईटी कानपुर देश के टॉप संस्थानों में शुमार है लेकिन बीते दिनों में छात्र आत्महत्या मामलों की वजह से संस्थान चर्चा का विषय बना हुआ है. आईआईटी कानपुर में दो महीने में तीन छात्रों ने सुसाइड कर लिया. नया मामला गुरुवार सुबह का है जहां आईआईटी कानपुर की शोध छात्रा प्रियंका जायसवाल ने पंखे से फांसी लगाकर अपनी जान दे दी.

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प्रियंका दुमका, झारखंड की रहने वाली थी. उनके पिता के द्वारा हॉस्टल मैनेजर रितु पाण्डेय को इस बात की सूचना दी कि उनकी बेटी सुबह से उनका फोन नहीं उठा रही है. इसके बाद मैनेजर रितु पांडे  प्रियंका के रूम के बाहर पहुंची और दरवाजा खटखटाया. बहुत देर बाद तक जब अंदर से कोई जवाब नहीं आया तो दरवाजे को धक्का मारा तो छात्रा पंखे पर फंदे से लटकी हुई थी. आईआईटी प्रशासन की सूचना पर पुलिस एवं फील्ड यूनिट मौके पर पहुंच गई और फॉरेंसिक टीम मौके पर सबूत जुटाने का काम कर रही है. जांच के बाद छात्र केशव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाएगा और आगे की कार्रवाई की जाएगी.

आईआईटी प्रशासन ने यह भी बताया गया है कि छात्रा ने आईआईटी कानपुर में पीएचडी केमिकल इंजीनियरिंग में पिछले महीने 29 दिसंबर 2023 को जॉइन किया था. छात्रा के पिता का नाम नरेंद्र जायसवाल है, जो दुमका झारखंड के रहने वाले हैं. परिवार को छात्र के सुसाइड की खबर की जानकारी दे दी गई है जिसके बाद परिवार कानपुर आने के लिए झारखंड से निकल गया है.

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दो महीने में तीसरा सुसाइड
बता दें कि इससे पहले जनवरी में ही आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) में एमटेक के 31 वर्षीय छात्र विकास ने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया था. बीते बुधवार देर रात छात्र ने पंखे से फंदा लगाकर जान दे दी थी. मेरठ करने वाला विकास आईआईटी कानपुर में एमटेक सेकेंड ईयर का स्टूडेंट था. पूछताछ में विकास के साथियों ने बताया कि वह बीते एग्जाम में परफॉर्मेंस खराब होने से वह तनाव में था. इससे पहले दिसंबर के तीसरे हफ्ते में उड़ीसा निवासी शोध फैकल्टी सदस्य डॉ.पल्लवी ने भी आत्महत्या की थी. यह बीते दो महीने में आत्महत्या का तीसरा मामला है.

लगातार सामने आराहे है कैंपस से आत्महत्या की घटनाएं 

  • 2022 में वाराणसी निवासी पीएचडी छात्र प्रशांत सिंह ने फांसी लगाकर आत्महत्या की थी
  • 2021 में संस्थान में असिस्टेंट रजिस्ट्रार सुरजीत दास ने फांसी लगाकर आत्महत्या की थी.
  • 2020 में आईआईटी के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर प्रमोद सुब्रमण्यन ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी.
  • 2019 में सिक्योरिटी गार्ड आलोक श्रीवास्तव ने फांसी लगाकर जान दी थी.
  • 2018 में फिरोजाबाद निवासी पीएचडी छात्र भीम सिंह ने फांसी लगाकर आत्महत्या की.

नोट:- (अगर आपके या आपके किसी परिचित के मन में आता है खुदकुशी का ख्याल तो ये बेहद गंभीर मेडिकल एमरजेंसी है. तुरंत भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 पर संपर्क करें. आप टेलिमानस हेल्पलाइन नंबर 1800914416 पर भी कॉल कर सकते हैं. यहां आपकी पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी और विशेषज्ञ आपको इस स्थिति से उबरने के लिए जरूरी परामर्श देंगे. याद रखिए जान है तो जहान है.)

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