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उड़ान के फाउंडर सुजीत कुमार ने बताया क्या है आंत्रेपेन्‍योर्स का भविष्‍य

Sujeet Kumar @e-Mind Rocks 2021: किसी भी व्‍यापार की शुरूआत के लिए एक पूंजी निवेश की जरूरत होती है. सुजीत ने कहा कि अगर आपका काम प्रभावशाली है, तो निवेश अपने आप आता है. बीते समय के मुकाबले अब किसी भी व्‍यापार के लिए पूंजी निवेश मिलना ज्‍यादा आसान है.

Sujeet Kumar e-Mind Rocks: Sujeet Kumar e-Mind Rocks:
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली,
  • 21 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 1:09 PM IST
  • सुजीत ने छोटे व्‍या‍परियों को देश का असली ब‍िजनेस बताया
  • उन्‍होंने कहा कि फेल्‍योर ही सीखने का असली मौका है

Sujeet Kumar @e-Mind Rocks 2021: ई-कॉमर्स रीटेल प्‍लेटफॉर्म उड़ान के फाउंडर सुजीत कुमार ने e-Mind Rocks 2021 में इंडिया टुडे से बात की. उन्‍होंने बताया कि फ्लिपकार्ट जैसे बड़े वेंचर को छोड़कर अपनी कंपनी शुरू करने का ख्‍याल उन्‍हें कैसे आया और इस सफर में उन्‍हें क्‍या क्‍या परेशानियां उठानी पड़ीं. उन्‍होंने बताया कि देश तेजी से ई-कॉमर्स माध्‍यम से बिजनेस करना सीख रहा है जिसके चलते उन्‍होंने फ्लिपकार्ट छोड़कर उड़ान शुरू करने का फैसला किया.

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इंडिया टुडे के सिद्धार्थ ज़ाराबी ने उनसे सवाल किया कि ई-कॉमर्स को भारत में एक्‍सपेंसिव (महंगा) कॉमर्स माना जाता है जिसके जवाब में सुजीत ने कहा कि ई-कॉर्मस एक्‍सपेंसिव नहीं बल्कि ईज़ी (असान) कॉमर्स है. उन्‍होंने यह भी कहा कि छोटे व्‍यापारों को बड़ी कामयाबी दिलाने के मकसद ने उन्‍होंने अपने प्‍लेटफॉर्म की शुरूआत की और इसीलिए इसे 'उड़ान' नाम दिया.

किराना और छोटे व्यापार देश का असली बिजनेस

सुजीत ने किराना और छोटे व्‍यापारियों को देश का असली बिजनेस बताया. उन्‍होंने कहा कि फ्लिपकार्ट से पहले से भी वह एक आंत्रेपेन्‍योर ही थे. उड़ान शुरू करने का विचार किसी दबाव में उनके दिमाग में नहीं आया बल्कि यह उनका स्‍वभाव ही है. किसी भी व्‍यापार की शुरुआत के लिए एक पूंजी निवेश की जरूरत होती है. सुजीत ने कहा कि अगर आपका काम प्रभावशाली है, तो निवेश अपने आप आता है. बीते समय के मुकाबले अब किसी भी व्‍यापार के लिए पूंजी निवेश मिलना ज्‍यादा आसान है.

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उन्‍होंने कहा कि बिहार के भभुआ जैसे छोटे जिसे से आगे आने के बाद उनका पहला विचार नौकरी पाने का ही था मगर उनके अंदर की क्र‍िएटिविटी ने उन्‍हें आंत्रेपेन्‍योर बनाया. अपने शुरुआती दिनों का जिक्र करते हुए उन्‍होंने बताया कि शुरुआती कई महीनों तक उन्‍हें कहीं से पैसा नहीं मिला था, मगर वे अपने काम को लेकर पैशनेट रहे और धीरे-धीरे बिजनेस खुद से बड़ा होता गया.

सुजीत ने कहा कि युवाओं को नौकरी पर रखते समय वे उनके एजुकेशन से ज्‍यादा उनकी पर्सनालिटी और कॉन्‍फिडेंस पर ध्‍यान देते हैं. उन्‍होंने कहा कि एजुकेशन सिर्फ एक शुरुआती बैरियर है जिसे क्रॉस करना जरूरी है मगर यह आगे चलकर उतना जरूरी नहीं रहता. उन्‍होंने जोर देते हुए कहा कि वे ऐसे युवाओं को हायर करने में ज्‍यादा दिलचस्‍पी रखते हैं जिन्‍होंने करियर में असफलताएं देखी हैं. उन्‍होंने माना कि फेल्‍योर ही सीखने का सबसे अहम हिस्‍सा हैं.

 

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