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अब कॉलेज में जूनियर्स की रैगिंग करना पड़ सकता है भारी, UGC ने नए नियम पढ़ लीजिए

UGC ने छात्रों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. अगर किसी भी छात्रों को कोई सीनियर परेशान करता है तो वे हेल्पलाइन नंबर या ईमेल के ज़रिए अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है. यूजीसी के अनुसार, छात्र की शिकायत पर तुरंत एक्शन लिया जाएगा. इसके अलावा रैगिंग एक अपराध है और इससे छात्र की मानसिक स्थिति पर भी बुरा पड़ सकता है, यह समझाने के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों में वर्कशॉप और सेमिनार आयोजित किए जाएंगे.

UGC Anti-Ragging Rules UGC Anti-Ragging Rules
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 7:14 AM IST

UGC Anti-Ragging Guidelines: उच्च शिक्षण संस्थानों में रैगिंग की घटना रोकने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने नए नियम बनाए हैं. UGC) ने छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए उच्च शिक्षण संस्थानों (HEIs) में रैगिंग को रोकने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं. इन नियमों के अनुसार, सभी संस्थानों को रैंगिंग रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने होंगे. अगर कोई संस्थान इन नियमों का पालन नहीं करता है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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UGC ने वेबसाइट पर अपलोड किए सभी नियम

यूजीसी ने एक नोटिस में कहा, "सिविल अपील संख्या 887/2009 में भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिनांक 08.05.2009 के निर्णय के अनुसरण में, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम, 1956 की धारा 26 की उपधारा (1) के खंड (जी) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करने के लिए, यूजीसी ने "उच्च शिक्षण संस्थानों में रैगिंग की समस्या को रोकने के लिए विनियम, 2009" अधिसूचित किए हैं. ये विनियम यूजीसी की वेबसाइट www.ugc.gov.in और www.antiragging.in पर उपलब्ध हैं."

हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत कर सकेंगे छात्र

UGC ने छात्रों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. अगर किसी भी छात्रों को कोई सीनियर परेशान करता है तो वे हेल्पलाइन नंबर या ईमेल के ज़रिए अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है. यूजीसी के अनुसार, छात्र की शिकायत पर तुरंत एक्शन लिया जाएगा. इसके अलावा रैगिंग एक अपराध है और इससे छात्र की मानसिक स्थिति पर भी बुरा पड़ सकता है, यह समझाने के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों में वर्कशॉप और सेमिनार आयोजित किए जाएंगे. यूजीसी का मानना है कि अगर जूनियर और सीनियर छात्रों के बीच अच्छे संबंध बनाने की कोशिश की जाएगी तो ऐसी घटनाएं कम होंगी. इसके लिए कॉलेजों को निर्देश दिया गया है कि वे मेंटर-मेंटी प्रोग्राम लागू करें. 

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संस्थानों को सख्ती से करना होगा नियमों का पालन

इसके अलावा अगर किसी छात्र के आत्यहत्या करने की दुखद खबर सामने आती है तो इसे इग्नोर नहीं किया जाएगा. बच्चों के परेशानी समझने और उन्हें दूर करने के लिए विशेष समितियां गठित करने और कानूनी विशेषज्ञों की मदद लेने की बात कही गई है. अगर कोई संस्थान इन नियमों का पालन नहीं करेगा तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. संस्थानों को पूरे परिसर में एंटी रैगिंग के पोस्टर और सीसीटीवी लगाने का आदेश भी दिया गया है. संस्थानों से उम्मीद की गई है कि रैगिंग को पूरी तरह खत्म करने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाएं.  छात्रों के लिए सुरक्षित और सकारात्मक माहौल बनाने के लिए ऐसा किया गया है जिससे वह बिना किसी डर के अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें.
 

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