Advertisement

सावधान! UGC ने फर्जी डिग्री को लेकर जारी किया जरूरी नोटिस, देखें अवैध संस्थानों की लिस्ट

यूजीसी के अनुसार, केवल राज्य अधिनियम, केंद्रीय अधिनियम या प्रांतीय अधिनियम के तहत स्थापित विश्वविद्यालय या यूजीसी अधिनियम, 1956 के तहत विशेष रूप से निवेशित संस्थान ही डिग्री प्रदान करने का अधिकार रखते हैं. गैर-मान्यता प्राप्त संस्थानों द्वारा दी गई डिग्रियां एडवांस्ड स्टडी या नौकरी के लिए अमान्य होंगी.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 5:05 PM IST

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स को गैर-मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों द्वारा जाली डिग्रियों (Fake Degree) को लेकर सावधान किया है. यूजीसी ने एक अधिसूचना जारी कर बताया है कि कई संस्थान अवैध रूप से डिग्रियां प्रदान करके यूजीसी अधिनियम का उल्लंघन कर रहे हैं. स्टूडेंट्स, यूजीसी की आधिकारिक वेबसाइट https://www.ugc.gov.in/ पर जाकर जरूरी नोटिस चेक कर सकते हैं.

Advertisement

यूजीसी के अनुसार, केवल राज्य अधिनियम, केंद्रीय अधिनियम या प्रांतीय अधिनियम के तहत स्थापित विश्वविद्यालय या यूजीसी अधिनियम, 1956 के तहत विशेष रूप से निवेशित संस्थान ही डिग्री प्रदान करने का अधिकार रखते हैं. गैर-मान्यता प्राप्त संस्थानों द्वारा दी गई डिग्रियां एडवांस्ड स्टडी या नौकरी के लिए अमान्य होंगी. आयोग ने बताया कि कुछ संस्थान ऐसे हैं जो बिना प्राधिकरण के डिग्री दे रहे हैं.

नोटिस में कहा गया, 'यूजीसी को पता चला है कि कई संस्थान यूजीसी अधिनियम में किए गए प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए डिग्री प्रदान कर रहे हैं. ऐसे संस्थानों द्वारा जारी की गई डिग्रियां स्वीकार नहीं की जाएंगी या उच्च अध्ययन और रोजगार के उद्देश्यों के लिए उन पर विचार नहीं किया जाएगा." 

यूजीसी का जरूरी नोटिस

अवैध संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई
इससे पहले फरवरी में, राज्य के शिक्षा मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार ने लोकसभा को सूचित किया कि यूजीसी की वेबसाइट ने 21 संस्थानों को फर्जी विश्वविद्यालयों के रूप में पहचाना है. उन्होंने आगे कहा कि कानून लागू करना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है. इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार ने राज्य के मुख्य सचिवों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों से संस्थानों को बंद करने और छात्रों को धोखा देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कानूनी कार्रवाई करने को कहा है.

Advertisement

2014 से, इन अभियानों के तहत 12 फर्जी विश्वविद्यालयों को बंद किया गया है, यहां देखें फर्जी विश्वविद्यालयों की लिस्ट-

आंध्र प्रदेश: क्राइस्ट न्यू टेस्टामेंट डीम्ड यूनिवर्सिटी (गुंटूर), बाइबिल ओपन यूनिवर्सिटी ऑफ इंडिया (विशाखापत्तनम)

दिल्ली: एआईआईपीएचएस, कमर्शियल यूनिवर्सिटी लिमिटेड, यूनाइटेड नेशंस यूनिवर्सिटी, वोकेशनल यूनिवर्सिटी, एडीआर-सेंट्रिक ज्यूरिडिकल यूनिवर्सिटी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड इंजीनियरिंग, विश्वकर्मा ओपन यूनिवर्सिटी फॉर सेल्फ-एम्प्लॉयमेंट, आध्यात्मिक विश्वविद्यालय.

कर्नाटक: बदागनवी सरकार वर्ल्ड ओपन यूनिवर्सिटी एजुकेशन सोसाइटी.

केरल: सेंट जॉन्स यूनिवर्सिटी (किशनट्टम), इंटरनेशनल इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ प्रोफेटिक मेडिसिन (कोझिकोड)

महाराष्ट्र: राजा अरबी यूनिवर्सिटी (नागपुर)

पुडुचेरी: श्री बोधि एकेडमी फॉर एडवांस्ड लर्निंग

उत्तर प्रदेश: गांधी हिंदी विद्यापीठ (प्रयागराज), नेताजी सुभाष चंद्र बोस यूनिवर्सिटी (अलीगढ़), भारतीय शिक्षा परिषद (लखनऊ), महामाया तकनीकी विश्वविद्यालय (नोएडा)

पश्चिम बंगाल: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन (कोलकाता), इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन एंड रिसर्च (कोलकाता)

फर्जी विश्वविद्यालयों के झांसे में आने से बचने के लिए यूजीसी अपनी वेबसाइट और सोशल मीडिया पर एडवाइजरी जारी कर रहा है.

ऐसे तथाकथित विश्वविद्यालयों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और अवैध डिग्री जारी करने वाले अनधिकृत संस्थानों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं.

छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे जिस भी विश्वविद्यालय में दाखिला लेना चाहते हैं, उसकी मान्यता की पुष्टि कर लें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनकी डिग्री आगे की पढ़ाई और काम में इस्तेमाल के लिए मान्य है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement