
UGC New Guidelines: यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने नई रिसर्च इंटर्नशिप गाइडलाइन को मंजूरी दे दी है. मंगलवार को हुई बैठक में नई गाइडलाइंस पर विचार किया गया जिसके बाद इन्हें मंजूरी दे दी गई. इसके तहत अब नई शिक्षा नीति में इंटर्नशिप को जरूरी कर दिया गया है. चार वर्षों के अंडर ग्रेजुएट कोर्स के लिए अब इंटर्नशिप अनिवार्य कर दी गई है. स्किल लर्निंग पर जोर देने के लिए यह फैसला लिया गया है.
नई गाइडलाइंन में इंटर्नशिप की अवधि और क्रेडिट्स की भी जानकारी दी गई है. नई शिक्षा नीति में मल्टीपल एंट्री और एग्जिट का प्रावधान है, जिसे ध्यान में रखा गया है. छात्रों को अपने कोर्स को बीच में छोड़ने और दोबारा वहीं से पढ़ाई जारी करने की सुविधा मिलेगी. सभी छात्रों के लिए इंटर्नशिप करना अनिवार्य होगा जिसकी समय सीमा उस कोर्स की अवधि पर निर्भर करेगी जो छात्र पढ़ना चाहेंगे.
इतनी इंटर्नशिप होगी जरूरी
एक साल के बाद कोर्स छोड़ने पर छात्रों को सर्टिफिकेट मिलेगा जिसके लिए 8-10 हफ्ते की इंटर्नशिप जरूरी होगी. इसके 10 क्रेडिट प्वाइंट्स भी होंगे. दो साल बाद कोर्स छोड़ने पर डिप्लोमा मिलेगा. इसके लिए भी 8-10 हफ्ते की इंटर्नशिप जरूरी होगी और 10 क्रेडिट प्वाइंट्स मिलेंगे. 7वें सेमेस्टर यानी चौथे साल में 10 हफ्ते की इंटर्नशिप जरूरी होगी और 10 क्रेडिट प्वाइंट्स मिलेंगे. वहीं, जो छात्र रिसर्च के साथ चार साल का कोर्स करेंगे उन्हें एक साल का रीसर्च और 30 क्रेडिट प्वाइंट्स मिलेंगे.
कैसे मिलेगी इंटर्नशिप?
छात्र या तो खुद से रिसर्च इंटर्नशिप्स के लिए आवेदन करेंगे या अपने पेरेंट संस्थान के फैकल्टी के माध्यम से इंटर्नशिप पाएंगे. इसके लिए एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया गया है, जहां छात्र रिसर्च इंटर्नशिप्स के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे. संस्थान अपने मानकों के अनुसार इंटर्न्स का चयन करेंगे.