
केंद्रीय मंत्री सुभाष सरकार ने शनिवार को कहा कि सरकार का लक्ष्य देश को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है. सरकार का मिशन भारत को शैक्षिक क्षेत्र में एक महाशक्ति बनाना है क्योंकि देश ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रासंगिक पाठ्यक्रम वाली एक बहु-विषयक शिक्षा प्रणाली तैयार की है, जो रोजगार पैदा करने में मदद करेगी. केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ सरकार ने इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के 5वें वैश्विक शिक्षा मंच को संबोधित करते हुए यह बात कही.
एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार डॉ सरकार यहां 'Revisiting the idea of Internationalisation - Global to local' विषय पर बोल रहे थे. उन्होंने आगे कहा कि आज भारत में न केवल सबसे अधिक शिक्षित युवाओं के साथ दुनिया का ज्ञान केंद्र बनने की क्षमता है, बल्कि यह देश को आगे ले जाने की कौशल पूंजी है जिसे वैश्विक स्तर पर शिक्षा प्रदान करके पूरा किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 फैकल्टी को स्वायत्तता देते हुए भारत को ग्लोबल हब बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय छात्रों को आकर्षित करेगी. यह वक्त की एक मांग है और केंद्र सरकार अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को सहायता प्रदान करने के लिए एक मंच प्रदान कर रही है. एनईपी 2020 के अस्तित्व में आने के बाद छात्रों को समग्र शिक्षा देने के लिए फ्लैक्सिबल कोर्सेज और एजुकेशन सिस्टम में बदलाव लाया गया. सरकार ने कहा कि हाल के दिनों में हमारे शिक्षण संस्थानों में पढ़ने के लिए 49,000 छात्र भारत आए हैं और 10 लाख छात्र विदेश गए हैं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत विशेष रूप से SAARC और अफ्रीका के देशों के लिए एक लोकप्रिय डेस्टिनेशन है. आज भारत में बड़ी संख्या में सक्षम युवा हैं, हमारे पास एक कुशल मानव संसाधन पूंजी है जो दुनिया के विकास का इंजन बन सकता है. उन्होंने कहा कि देश अब उच्च शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण के मुहाने पर है. केंद्रीय मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में कई भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों को शामिल होने का उल्लेख किया और कहा कि वैश्वीकरण सबसे परिवर्तनकारी ताकतों में से एक है जिसने लोकलाइजेशन को बदल दिया है.
बांकुड़ा के सांसद श्री सरकार ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार हमेशा सुधार और परिवर्तन के लिए तैयार रही है और सकारात्मक तरीके से विचारों के बारे में सोचती रही है. उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण के उद्देश्य के तहत, प्रतिष्ठित भारतीय संस्थान अब ऑफ शोर कैंम्पसेज शुरू कर रहे हैं. अब वो दिन दूर नहीं जब भारत एक दिन वैश्विक ज्ञान की महाशक्ति बन जाएगा.