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अब IIT में मेडिसिन और JNU में इंजीनियरिंग की भी मिलेगी डिग्री, एजुकेशन सेक्‍टर में होने जा रहा बड़ा बदलाव

आने वाले समय में मेडिसिन, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट जैसे एकल विषयक कोर्स की पेशकश करने वाले संस्थानों को बंद कर दिया जाएगा और उनकी जगह ऐसे संस्थान खोले जाएंगे जहां सभी विषयों के पाठ्यक्रम उपलब्ध होंगे.

University Grants Commission drafts University Grants Commission drafts
कुमार कुणाल
  • नई दिल्ली ,
  • 06 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 5:33 PM IST
  • 2030 तक हर जिले में बहु-विषयक उच्च शिक्षा संस्थान खुलेगा
  • बहु-विषयक विश्वविद्यालयों में 2035 तक 3,000 से ज्यादा छात्र होंगे

UGC Draft: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग  (UGC) ने विभिन्न विषयों की पेशकश करने वाले बहु-विषयक उच्च शिक्षा संस्थानों के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए एक मसौदा तैयार किए हैं. मसौदा के मुताबिक धीरे-धीरे स्टैंडअलोन और किसी खास डोमेन वाले संस्थानों को चरणबद्ध तरीके से खत्म किया जाएगा. इसकी जगह बहु-विषयक संस्थानों खोले जाएंगे. 

आने वाले समय में मेडिसिन, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट जैसे एकल विषयक कोर्स की पेशकश करने वाले संस्थानों को बंद कर दिया जाएगा और उनकी जगह ऐसे संस्थान खोले जाएंगे जहां सभी विषयों के पाठ्यक्रम उपलब्ध होंगे. यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार के अनुसार, गाइडलाइंस को मजूरी मिलने के बाद अभ्यर्थी आईआईटी दिल्ली और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से दोहरी डिग्री ले सकते हैं. 

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यूजीसी द्वारा जारी मसौदे में विशेष रूप से, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में प्रस्तावित सुधारों में उच्च शिक्षा संस्थानों (HEI) को बहु-विषयक विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और समूहों को इंफॉर्मेशन सेंटर्स में बदलकर उच्च शिक्षा के विखंडन को खत्म करने की योजना है. मौजूदा समय में अधिकांश कॉलेज किसी न किसी यूनिवर्सिटी से जुड़े होते हैं, जो उन्हें डिग्री प्रदान करने का अधिकार देते हैं. लेकिन नए नियमों में इस प्रावधान को बदलने का प्रस्ताव रखा गया है.

मसौदा के मुताबिक आन वाले समय में सभी संबद्ध कॉलेज स्वायत्तता के विभिन्न चरणों से गुजरते हुए, या एक बड़े बहु-विषयक संस्थान बनने के लिए एक क्लस्टर का हिस्सा बनने की प्रक्रिया को पूरा करके डिग्री प्रदान करने वाले स्वायत्त संस्थान बन जाएंगे.

जगदीश कुमार ने कहा कि यूजीसी का मकसद 2030 तक हर जिले में बड़ी संख्या में बहुविषयक उच्च शिक्षा संस्थान खोलना है. मसौदे में कहा गया है कि बहु-विषयक विश्वविद्यालयों में 2035 तक 3,000 या उससे अधिक छात्र होंगे. बता दें देश के कई उच्च शिक्षा संस्थानों ने पहले ही बहु-विषयक दृष्टिकोण अपनाना शुरू कर दिया है.  कुछ पुराने आईआईटी में अब इंजीनियरिंग के साथ-साथ प्रबंधन और मानविकी विभाग भी है.

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वहीं जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) ने भी एक इंजीनियरिंग विभाग खोला है और यहां अब एक मेडिकल कॉलेज शुरू करने पर भी विचार किया जा रहा है. यूजीसी अपनी समिति के दिशानिर्देशों को अंतिम रूप देने से पहले अगले दो हफ्तों तक अलग-अलग स्टेकहोल्डर्स से सुझाव मांग रहा है. इन सुझावों पर विचार करने के बाद यूजीसी अप्रैल-मई 2022 तक नियमों को अंतिम रूप देगा. 

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