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UP: बेसिक शिक्षा मंत्री के भाई गरीब कोटे से बने असिस्‍टेंट प्रोफेसर, सर्टिफिकेट जांच की मांग

सवाल उठ रहे हैं कि मंत्री सतीश द्विवेदी ने नियुक्ति में अपनी पावर का इस्तेमाल किया है. इतना ही नहीं, मंत्री के भाई होने के बावजूद आर्थिक रूप से कमजोर होने का प्रमाण पत्र भी कई सवाल उठाता है. हालंकि, कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र दुबे के मुताबिक उनके पास नियुक्ति प्रक्रिया के सारे साक्ष्य मौजूद हैं.

UP Basic Education Minister Satish Dwivedi UP Basic Education Minister Satish Dwivedi
समर्थ श्रीवास्तव
  • लखनऊ,
  • 23 मई 2021,
  • अपडेटेड 3:23 PM IST
  • मंत्री सतीश द्विवेदी जिले की ही इटवा सीट से विधायक हैं
  • भाई अरुण द्विवेदी EWS कोटे के तहत नियुक्त हुए हैं

यूपी में बेसिक शिक्षा विभाग लगातार चर्चा में रहा है. कभी पंचायती चुनाव में शिक्षकों की मौत को लेकर तो कभी किसी और मामले को लेकर. अब एक नया मामला सामने आया है जो बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी को ही कटघरे में खड़ा करता है.

सतीश द्विवेदी के भाई अरुण द्विवेदी की सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर हुई नियुक्ति सोशल मीडिया पर चर्चा में है. उनका चयन EWS (आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य अभ्यर्थी) कोटे में मनोविज्ञान विभाग में हुआ है. मंत्री इटवा सीट से विधायक हैं.

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चयन के बाद अरुण द्विवेदी ने असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर शुक्रवार को ही सिद्धार्थ विश्वविद्यालय में ज्वाइन कर लिया है. इसके ठीक बाद ही सोशल मीडिया पर कई तरह की बातें वायरल हो रही है जिसमें सवाल उठ रहे हैं कि मंत्री सतीश द्विवेदी ने नियुक्ति में अपनी पावर का इस्तेमाल किया है. इतना ही नहीं, मंत्री के भाई होने के बावजूद आर्थिक रूप से कमजोर होने का प्रमाण पत्र भी कई सवाल उठाता है.
 
हालंकि, कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र दुबे के मुताबिक उनके पास नियुक्ति प्रक्रिया के सारे साक्ष्य मौजूद हैं. उनका कहना है कि यदि कोई एजेंसी जांच भी करना चाहती है तो वह उसके लिए तैयार है. उनके मुताबिक, किसी मंत्री के भाई होने की वजह से किसी की योग्यता कम नहीं हो जाती. उन्होंने अपने पास किसी भी तरह की सिफारिश आने की बात का भी खंडन किया. 

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पूर्व IAS अमिताभ ठाकुर तथा डॉ नूतन ठाकुर ने डॉ अरुण कुमार उर्फ़ अरुण द्विवेदी द्वारा नियुक्ति हेतु दिए गए EWS सर्टिफिकेट की जांच की मांग की है.

राज्यपाल तथा यूनिवर्सिटी की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल सहित अन्य को भेजी अपनी शिकायत में उन्होंने कहा कि डॉ अरुण कुमार शिक्षा मंत्री के भाई होने के साथ ही स्वयं भी बनस्थली विद्यापीठ, राजस्थान में मनोविज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर थे. ऐसे में डॉ अरुण कुमार द्वारा EWS सर्टिफिकेट प्राप्त किया जाना जांच का विषय दिखता है. 

यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ सुरेन्द्र दूबे ने भी कहा कि यदि EWS सर्टिफिकेट फर्जी होगा तो वे दंड के भागी होंगे. इस मामले पर बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा है कि निर्धारित प्रक्रिया को पूरा करते हुए उनके भाई का चयन हुआ है.

उन्‍होंने कहा, "इस मामले में मेरा कोई हस्तक्षेप नहीं है, अगर किसी को आपत्ति हो तो जांच करवा सकता है. अगर आपको लगता है कि मंत्री का भाई EWS कोटे में कैसे हो गया, तो आप मे से कोई भी अगर किसी चैनल का यूपी हेड या नेशनल हेड हो तो उसका पैकेज करोड़ो में होता है तो क्या उस आय का अधिकारी उनका भाई माना जाता है? भाई की अलग आइडेंटिटी होती है."

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