
UP Board 2023: यूपी बोर्ड में कक्षा 9 से 12वीं तक के छात्रों के इस साल के एग्जाम में भी 70 फीसदी सिलेबस ही आएगा. 10वीं-12वीं कोर्स में ये कटौती लगातार तीसरे साल जारी रहेगी. साल 2023 की परीक्षा में 70 फीसदी पाठ्यक्रम से प्रश्न पूछे जाएंगे. बोर्ड परीक्षा 70 प्रतिशत कोर्स से ही ली जाएगी.
इसी क्रम में यूपी बोर्ड ने लगातार तीसरे साल कक्षा नौ से 12 तक एक करोड़ से अधिक छात्र-छात्राओं को 70 प्रतिशत कोर्स पढ़ाने का निर्णय लिया है. बोर्ड ने अपनी वेबसाइट पर 2022-23 सत्र के लिए जो पाठ्यक्रम अपलोड किया है उसमें सभी विषयों में 30 प्रतिशत की कटौती बरकरार रखी है. माना जा रहा है कि कोरोना के चलते दो साल नियमित पढ़ाई न होने के कारण छात्र-छात्राएं मानसिक रूप से दबाव में हैं. इस कारण बोर्ड उन्हें 30 प्रतिशत कोर्स कम पढ़ाएगा. इसके अलावा न्यू एजुकेशन पॉलिसी लागू करने के बाद भी छात्रों को नये ढंग से पढ़ाई कराई जा रही है.
वहीं देखा जाए तो इस साल यूपी बोर्ड परीक्षा के प्रैक्टिकल एग्जाम और मूल्यांकन के कारण भी तकरीबन दो महीने स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित रही. इसलिए अब दो साल बाद स्कूलों में लौटे बच्चों को अच्छा माहौल देने और उनके समग्र विकास के उद्देश्य से इस साल भी 70 प्रतिशत पाठ्यक्रम ही रखा गया है. यूपी बोर्ड इस साल से 9वीं और 10वीं की लिखित परीक्षाएं भी एनईपी को लागू करते हुए नए पैटर्न पर कराने जा रहा है. इस साल 2023 सत्र के लिए पहली बार सत्र में पांच मासिक परीक्षाएं होंगी. इनमें तीन मल्टीपल चाइस क्वेश्चन आधारित और दो परीक्षा वर्णनात्मक प्रश्नों के आधार पर होंगी.
सीबीएसई में भी 30 प्रतिशत की कटौती जारी
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने पिछले दो सालों की तरह 70 प्रतिशत कटौती बरकरार रखी है. दिल्ली के एल्कॉन इंटरनेशनल स्कूल के शिक्षक राजीव झा ने बताया कि पिछले साल का पाठ्यक्रम ही 2022-23 में लागू रहेगा. इसके लिए जो करिकुलम जारी हुआ है, उसी आधार पर हम लोग पढ़ा रहे हैं. नये करिकुलम में बीते साल से चेंज नहीं है. अभी भी कटौती जारी है. तीन साल पहले कोविड काल में बच्चों ने ऑनलाइन पढ़ाई की है. इससे स्कूली बच्चों का पढ़ाई का वो क्रम टूटा है. सीबीएसई समेत दूसरे अन्य बोर्ड्स ने करिकुलम में 30 फीसदी कटौती की थी, जो कि तीसरे साल भी जारी रखी जा रही है.