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यूपी के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में Mentor नियुक्त होंगे रिटायर्ड शिक्षक, ये होंगी जिम्‍मेदारियां

UP Shiksha Sathi Scheme: सेवानिवृत्त शिक्षकों को अब यूपी के प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में मेंटॉर के रूप में काम करने का मौका मिलेगा. शिक्षा विभाग उनकी पुनर्नियुक्ति 'शिक्षक साथी' के रूप में करेगा. शिक्षक साथी को मोबिलिटी भत्ते के रूप में 2500 रुपए प्रतिमाह दिया जाएगा. इससे कम बजट में बेहतर अनुभव का लाभ मिलेगा.

UP Shiksha Sathi (Representational Image) UP Shiksha Sathi (Representational Image)
शिल्पी सेन
  • लखनऊ,
  • 30 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:51 PM IST

UP Shiksha Sathi Scheme: यूपी में प्राथमिक और बेसिक स्कूलों की शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए अब सेवानिवृत्त यानी रिटायर्ड शिक्षकों की मदद ली जाएगी. राज्‍य सरकार 70 वर्ष तक के शिक्षकों का उनकी सहमति के आधार पर इस जिम्‍मेदारी के लिए चुनेंगे. रिटायर्ड शिक्षकों की नियुक्ति 'शिक्षक साथी' के रूप में जिला स्तर पर गठित समिति करेगी. ये शिक्षक मेंटॉर (mentor) की भूमिका निभाएंगे और शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए काम करेंगे.

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एक शिक्षक आजीवन शिक्षक रहता है, भले ही उसको नौकरी से अवकाश प्राप्त हो जाए. सेवानिवृत्त शिक्षकों को अब यूपी के प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में मेंटॉर के रूप में काम करने का मौका मिलेगा. शिक्षा विभाग उनकी पुनर्नियुक्ति 'शिक्षक साथी' के रूप में करेगा. इस बात के लिए बेसिक एजुकेशन प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने आदेश जारी कर दिए हैं. जारी आदेश में विस्तार से ऐसे शिक्षकों की जिम्मेदारी और नियुक्ति की शर्तों को बताया गया है. ये आदेश बेसिक शिक्षा परिषदीय स्कूलों के साथ कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (KGBV) पर भी लागू होगा.

70 वर्ष की आयु तक के शिक्षक बन सकेंगे मेंटर
'शिक्षक साथी' के रूप में इच्छुक रिटायर्ड शिक्षकों की नियुक्ति होगी. इनका कार्यकाल 1 वर्ष का होगा. हालांकि, एक साल बाद इस कॉन्ट्रैक्‍ट को बढ़ाया जा सकेगा. शिक्षकों के परफॉरमेंस के आधार पर कॉन्‍ट्रैक्‍ट रिन्‍यू होगा. शिक्षक साथी की नियुक्ति की अधिकतम आयु 70 वर्ष होगी. राज्य और राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को चयन में वरीयता दी जाएगी. इस नियुक्ति के लिए शिक्षक का परिषद के विद्यालयों में अपने सेवाकाल में सहायक टीचर या प्रिन्सिपल के रूप में 5 साल का अनुभव होना भी ज़रूरी है.

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विद्यालयों में शिक्षकों की कमी से निपटने और अनुभव का लाभ लेने के लिए पहल 
यूपी के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए यह एक महत्वपूर्ण फैसला माना जा सकता है. इसके साथ ही प्रशिक्षित और अनुभवी (skilled and experienced) टीचर भी स्कूलों की निगरानी कर सकेंगे. इसका एक उद्देश्य उन शिक्षकों को व्यवस्था में लगाना भी है जो पहले से इसका हिस्सा रहे हैं और उनको यूपी के परिषदीय विद्यालयों की कार्य और व्यवस्था की जानकारी है. शिक्षक साथी को मोबिलिटी भत्ते के रूप में 2500 रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा. इससे कम बजट में बेहतर अनुभव का लाभ मिलेगा.

आदेश में कहा गया है कि केंद्र सरकार की 'विद्यांजलि योजना' के क्रम में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए स्वयंसेवी संस्थानों से सहयोग लिए जाने की बात कही गयी है. इसी क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार रिटायर्ड शिक्षकों को 'मेंटॉर' के रूप में नियुक्त कर उनके अनुभव का लाभ लेने की पहल है. परिषदीय विद्यालयों में बच्चों के लर्निंग आउटकम को बढ़ाने की दिशा में ये शिक्षक सुपरविज़न और मेंटॉरिंग का काम करेंगे.

एक शिक्षक साथी को कम से कम 30 प्राइमरी या अपर प्राइमरी स्कूलों में प्रेरणा ऐप के माध्यम से सपोर्टिव सुपरविज़न करना होगा. जारी आदेश में ये स्पष्ट कर दिया गया है कि इसके अलावा शिक्षक साथियों से और कोई काम नहीं लिया जाएगा.

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रिटायर्ड टीचर्स को शिक्षक साथी के रूप में मेंटॉरिंग का काम देने के पीछे शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने का लक्ष्‍य है. इनका चयन ज़िला स्तर पर गठित समिति करेगी. 'शिक्षा साथी' के चयन के लिए विस्तृत आदेश जारी कर दिए गए हैं. सभी ज़िलाधिकारियों को एक माह में शिक्षक साथी के चयन के लिए निर्देश दिए गए हैं.

 

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