
UP Grading System in UG Courses: उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग में ग्रेजुएट कोर्सेज़ में ग्रेडिंग सिस्टम लागू करने का फैसला किया है. सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ उच्च शिक्षा विभाग की बैठक के बाद निर्देश जारी किया गया है. विभाग का कहना है कि छात्रों में स्ट्रेस कम करने के लिए नया सिस्टम लागू किया जा रहा है. इसके तहत अब BA, BSc, BCom में छात्रों को ग्रेड दिए जाएंगे. इसके अलावा एग्जाम में ग्रेस मार्क्स भी अब से नहीं दिए जाएंगे.
यूनिवर्सिटी कोर्स की हर लिखित और प्रैक्टिकल परीक्षा का पास प्रतिशत 33% ही रहेगा. आंतरिक मूल्यांकन के 25 नंबर और यूनिवर्सिटी की परीक्षा के 75 नंबर होंगे. छात्रों को यूनिवर्सिटी की परीक्षा 75 अंक में 33% नंबरों के साथ पास होना जरूरी होगा. ये व्यवस्था यूपी के सभी विश्वविद्यालयों में 2022-23 से ही लागू होगी.
ये होगा ग्रेडिंग सिस्टम
Grade | Detail | Marks | Points |
O | असाधारण | 91 से 100 | 10 |
A+ | उत्कृष्ट | 81 से 90 | 9 |
A | बहुत अच्छा | 71 से 80 | 8 |
B+ | अच्छा | 61 से 70 | 7 |
B | औसत से ऊपर | 51 से 60 | 6 |
C | औसत | 41 से 50 | 5 |
P | पास | 33 से 40 | 4 |
F | फेल | 0 से 32 | 0 |
AB | अनुपस्थित | ||
Q | क्वालिफाइड | ||
NQ | नॉट-क्वालिफाइड |
ग्रेडिंग प्रणाली यूजीसी के दिशानिर्देशों पर आधारित है. ग्रेडिंग सिस्टम पहले 3 वर्षों के लिए लागू किया जाएगा. इसमें शून्य से लेकर 10 अंक तक दिए जाएंगे. 5 अंक पाने वाले उम्मीदवार औसत की कैटेगरी में शामिल होंगे. मुख्य व माइनर विषयों में पासिंग प्रतिशत 33 प्रतिशत ही रहेगा. अब थ्योरी और प्रैक्टिकल में अलग-अलग पासिंग मार्क्स नहीं होंगे.
छात्रों को ऑड सेमेस्टर में अनिवार्य रूप से प्रमोट किया जाएगा. वहीं ईवेन सेमेस्टर में परीक्षा पास करना जरूरी होगा. इंटरनल एग्जाम्स के लिए बैक पेपर की व्यवस्था भी नहीं होगी. कोई भी 1 साल पूरा करने के लिए अधिकतम 3 वर्ष का मौका होगा. इसका अर्थ है कि 3 साल का कोर्स अधिकतम 9 साल में पूरा किया जा सकेगा.
यूपी की उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी का कहना है कि यूपी के छात्रों के हितों के लिए जो भी व्यवस्था करना ज़रूरी है वो हम कर रहे हैं. नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत एकरूपता लाने के लिए ये ज़रूरी था, इसलिए इसका फैसला किया गया है. वह बताती हैं कि छात्रों को टैबलेट, स्मार्टफोन देने का काम जारी है. वहीं लड़कियों को स्कूटी भी दिया जाना है. ऐसे में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़े इस पर भी हम लोग ध्यान दे रहे हैं. लखनऊ विश्वविद्यालय के वीसी प्रो. आलोक कुमार राय का कहना है कि इससे छात्रों में एक-एक नम्बर को लेकर होने वाली लड़ाई खत्म होगी. जाहिर है इससे एग्जाम का स्ट्रेस कम होगा.