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UP Police: यूपी पुलिस के अर्द्धसैनिक बल-पीएसी में 15487 सिपाही शामिल

UP Police: यूपी पुलिस के अर्द्धसैनिक बल-पीएसी में 15487 सिपाही शामिल हुए हैं.

प्रतीकात्मक फोटो (Getty) प्रतीकात्मक फोटो (Getty)
संतोष शर्मा
  • लखनऊ ,
  • 12 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 8:48 PM IST
  • आज 76 स्थानों पर हुई 6 माह की ट्रेनिंग के बाद 15487 नए सिपाही मिले
  • मुख्यमंत्री योगी ने कहा पिछली सरकारों में प्रदेश की सुरक्षा को कमजोर करने की साजिश रची गई

UP Police: उत्तर प्रदेश पुलिस के अर्ध सैनिक बल, पीएसी में आज 15487 सिपाही शामिल हुए हैं. लखनऊ में आयोजित रिक्रूट पासिंग आउट परेड के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा पिछली सरकारों में प्रदेश की सुरक्षा को कमजोर करने की साजिश रची गई थी जिसके तहत  54 कंपनियां खत्म हो गई थी. यूपी पीएसी  को आज 76 स्थानों पर हुई 6 माह की ट्रेनिंग के बाद 15487 नए सिपाही मिले हैं. UP PAC को यह बड़ी मानव शक्ति मिली है. 

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कितनी है  उत्तर प्रदेश में पीएसी की ताकत 

उत्तर प्रदेश में पीएसी की 33 बटालियन है और 29 बटालियन में 273 कंपनी तरफ है. पीएसीएल 273 कंपनी के अलावा तीन कंपनी एसडीआरएफ और चार कंपनी एसएसएफ की भी पीएसी के अधीन काम करती हैं. 

उत्तर प्रदेश में पीएसी की 33 बटालियन है और इन 33 बटालियन में 273 कंपनी तैनात है. पीएसी की इन 273 कंपनी के अलावा तीन कंपनी एसडीआरएफ और 4 कंपनी एसएसएफ की भी पीएसी के अधीन काम करती हैं. एक कंपनी पीएसी में एक इंस्पेक्टर,  3 सब इंस्पेक्टर 22 हेड कांस्टेबल और 97 कॉन्स्टेबल होते हैं. अब अगर मंगलवार को पासिंग आउट परेड के साथ पीएसी बल का हिस्सा बने. 

इन 15487 जवानों की बात करें तो इनकी संख्या बल के हिसाब से इनकी संख्या 159 कंपनी की जरूरत को पूरा करती है लेकिन उत्तर प्रदेश में साल 2012 से 2018 तक एक लंबा वक्त पुलिस की भर्तियों के बिना रहा. पीएसी के लोग रिटायर होते रहे लेकिन नई भर्तियां नहीं हुई जिसकी वजह से लगभग 54 कंपनियों को बंद करना पड़ा. हालत यह हो गई कि जहां एक बटालियन में 8 कंपनियां रहती थीं, वहां इनकी संख्या घटकर 6 से 7 हो गई और एक कंपनी में कांस्टेबल की संख्या भी घटकर  65 से 70 रह गई. 

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बढ़ी पीएसी की ताकत 

लेकिन अब एक साथ 15 हजार से अधिक कॉन्स्टेबल मिलने के बाद से उत्तर प्रदेश पीएसी की ताकत बढ़ गई है. माना जा रहा है की 15,487 सिपाहियों से नई कंपनी नहीं बल्कि पुरानी कंपनियों में जो कांस्टेबल की कमी है उसको पूरा किया जाएगा और पीएसी में जवानों की कमी भी दूर होगी. 

यही वजह है कि लखनऊ में आयोजित दीक्षांत समारोह के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछली सरकारों में प्रदेश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ हो रहा था. साजिश के तहत पीएसी को कमजोर कर 54 कंपनियां बंद की गई थी. 

पीएसी के महत्व को बताते हुए रिटायर्ड असिस्टेंट कमांडेंट डीके धवन कहते हैं कि उत्तर प्रदेश प्रदेश की सुरक्षा के लिए पीएसी का एक महत्वपूर्ण स्थान रहा है. दंगाग्रस्त इलाका हो या बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में राहत कार्य हो या फिर ईद दीपावली जैसे त्योहारों पर शांति व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेदारी, हर मोर्चे पर पीएसी सर्वोत्तम बल रही है. यूपीपीएसी की काबिलियत ही है कि चुनाव के दौरान अन्य राज्य में भी चुनाव ड्यूटी के लिए यूपीपीएसी को प्राथमिकता के आधार पर भेजा जाता है. 

 

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