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Success Story: मां के कैंसर और 6 फेल अटेम्‍प्‍ट्स के बाद भी नहीं मानी हार, खास है IAS पल्‍लवी वर्मा की कहानी

UPSC Topper Pallavi Verma: पल्‍लवी जब 2020 परीक्षा में शामिल हुईं, उस समय उनकी मां कैंसर से जूझ रही थीं. मां की कीमोथेरिपी और घर की परेशानियों में उलझीं पल्‍लवी ने धैर्य नहीं खोया और मां की देखभाल के साथ पढ़ाई जारी रखी.

IAS Pallavi Verma (Image Credit: Social Media) IAS Pallavi Verma (Image Credit: Social Media)
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली,
  • 25 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 3:34 PM IST
  • 7वें प्रयास में पाई सफलता
  • 2013 से दे रही थीं एग्‍जाम

Success Story: UPSC की परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. सिविल सेवा परीक्षा को पास करना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है. ऐसे में चुनौतियों का सामना कर कामयाबी पाने वालों की कहानी और भी प्रेरणादायक हो जाती है. ऐसी ही कहानी है IAS पल्लवी वर्मा की, जिन्होंने UPSC 2020 में ऑल इंडिया 340 हासिल की. पल्‍लवी को यह कामयाबी दूसरे-तीसरे नहीं, बल्कि 7वें प्रयास में मिली. 

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इंदौर की रहने वाली पल्लवी ने अपनी स्कूली शिक्षा इंदौर से की और फिर बायोटेक्नोलॉजी में ग्रेजुएशन किया. अपने परिवार की वह पहली लड़की थीं जिसे यूनिवर्सिटी जाने और पढ़ने का मौका मिला. ग्रेजुएशन के बाद पल्लवी ने चेन्नई में सॉफ्टवेयर टेस्टर के तौर पर एक साल से कम समय तक काम किया और 2013 के बाद वह पूरी तरह से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में लग गईं. 

उन्‍होंने 2013 से 2020 तक यूपीएससी की परीक्षा दी. वह 3 बार प्रीलिम्स में फेल हुईं, 1 बार मेन्‍स में असफल हुईं और 2 बार इंटरव्यू में पहुंचने के बाद भी सफलता नहीं मिली. अपने 7वें प्रयास में उन्होंने ऑल इंडिया 340 रैंक हासिल कर अपना सपना पूरा किया.

किस्‍मत इस बार भी पल्‍लवी के खिलाफ थी. जब वह 2020 परीक्षा में शामिल हुईं, उस समय उनकी मां कैंसर से जूझ रही थीं. मां की कीमोथेरिपी और घर की परेशानियों में उलझीं पल्‍लवी ने धैर्य नहीं खोया और मां की देखभाल के साथ पढ़ाई जारी रखी. अपनी कड़ी मेहनत से उन्‍होंने हर चुनौती को मात दी और अखिरकार IAS बनने का अपना सपना पूरा किया.

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