Advertisement

RTI के दायरे में आए यूपी के सभी प्राइवेट स्कूल, देनी होगी अब फीस और खर्च की पूरी जानकारी

उत्तर प्रदेश के इन निजी स्कूलों के सूचना के अधिकार के दायरे में आने का ये अर्थ होगा कि कोई भी व्यक्ति स्कूल की फीस, संचालन में खर्च, विद्यालय में खर्च संबंधी जानकारी स्कूलों से सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त कर सकेगा. स्कूलों को ये जानकारियां अनिवार्य रूप से उपलब्ध करानी होंगी. 

RTI के दायरे में आए UP के प्राइवेट स्कूल RTI के दायरे में आए UP के प्राइवेट स्कूल
अभिषेक मिश्रा
  • लखनऊ,
  • 15 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 2:23 PM IST
  • सूचना के अधिकार के दायरे में आए यूपी के निजी स्कूल
  • RTI के तहत सभी जानकारी देने को होंगे बाध्य
  • राज्य सूचना आयोग का फैसला

उत्तर प्रदेश के प्राइवेट स्कूल अब सूचना के अधिकार के दायरे में आएंगे.  इन स्कूलों को अब अपनी सभी जानकारी सूचना के अधिकार के तहत मांगे जानें पर उपलब्ध करानी होगी. राज्य सूचना आयोग (एसआईसी) ने यह आदेश जारी किया है. राज्य सूचना आयुक्त प्रमोद कुमार तिवारी ने अपने आदेश में निजी स्कूलों को कहा है कि वे अपने यहां जन सूचना अधिकारियों की नियुक्ति करें. 

Advertisement

राज्य के इन निजी स्कूलों के सूचना के अधिकार के दायरे में आने का ये अर्थ होगा कि कोई भी व्यक्ति स्कूल की फीस, संचालन में खर्च, विद्यालय में खर्च संबंधी जानकारी स्कूलों से सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त कर सकेगा. स्कूलों को ये जानकारियां अनिवार्य रूप से उपलब्ध करानी होंगी. 

बता दें कि राज्य में गैर सहायता प्राप्त स्कूलों को सूचना के अधिकार के दायरे में लाया जाए, इस बाबत लंबे समय से मांग चल रही थी. 


BSF Recruitment 2021: बीएसएफ में नौकरी का मौका, 10वीं-12वीं पास करें आवेदन 

बता दें कि संजय शर्मा नाम के शख्स ने लखनऊ के दो नामी स्कूलों को लेकर अपील दायर की थी. इसके बाद राज्य सूचना आयोग ने इन दोनों निजी स्कूलों को निर्देश दिया कि वे सूचना अधिकारियों की नियुक्ति करें ताकि सूचना अधिकार कानून 2005 के तहत लोगों को जानकारी मिल सके. 

Advertisement

इससे पहले निजी स्कूल लोगों को अपने संचालन से जुड़ी जानकारियां ये कहकर नहीं देते थे कि उन्हें राज्य सरकार से कोई फंड (वित्त पोषित) नहीं मिलता है और वे सूचना के अधिकार कानून के दायरे से बाहर हैं. 

हालांकि, इस मामले मं सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि यदि किसी शहर का विकास प्राधिकरण निजी स्कूल को कम दरों पर भूमि प्रदान करता है, तो ऐसे स्कूल को राज्य द्वारा संपूर्ण रूप से वित्त पोषित माना जाएगा.

बाद में राज्य सूचना आयोग ने भी यह फैसला दिया था कि जिला शिक्षा अधिकारी मांग पर याचिकाकर्ता को फॉर्म में जिनका जिक्र है उन सभी जानकारियों को देने के लिए बाध्य हैं. 
 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement