
Veer Savarkar Biography added in UP Board syllabus: वीडी सावरकर को यूपी बोर्ड सिलेबस में जोड़ने के बाद राजनीतिक पार्टियां आमने-सामने आ गई हैं. सपा प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने कहा, सरकार से मैं एक बार अनुरोध करूंगा कि इस फैसले पर पुनर्विचार करें, आखिर वह इस देश के नौजवानों को किसका इतिहास पढ़ाना चाहते हैं, जिसने सार्वजनिक रूप से अंग्रेजों से मांफी मांगी थी, जिसने कसमें और सौगंध खाई थी कि वह अंग्रेजी हुकूमत के लिए काम करेंगे. क्रांतिकारियों की मुखबिरी करने का सवारकर पर आरोप था, ऐसे में वीर सावरकर का इतिहास पढ़ाना कितना सही है?
वीर सावरकर का इतिहास पढ़ाना हजारों क्रांतिकारियों का अपमान: सपा नेता
सपा नेता सुनील सिंह साजन ने आगे कहा, 'अगर सरकार सावरकर का इतिहास पढ़ाएगी की तो भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान, अब्दुल हमीद और लाला लाजपत राय का इतिहास कौन पढ़ाएगा. वीर सावरकर का इतिहास पढ़ाना हजारों क्रांतिकारियों का अपमान है, जिन्होंने फांसी के फंदे को चूमा था, आजादी के लिए सीने पर गोली खाई थी. ऐसे क्रांतिकारियों का अपमान करके अगर माफ़ी मांगने वाले वीर सावरकर को सरकार आदर्श बनाना चाहती है तो इसका जवाब देश की जनता भाजपा को देगी.'
बीजेपी ने कहा- यह हमारे लिए गर्व की बात है
वीडी सावरकर पर सपा की ओर से आए बयान के बाद बीजेपी ने भी इसपर पलटवार किया है. बीजेपी से विधान परिषद के सदस्य मोहसिन रजा ने कहा कि यूपी बोर्ड पाठ्यक्रम में वीर सावरकर का नाम आना हम सबके लिए गर्व की बात है लेकिन वहीं विपक्ष के प्रवक्ता जो सपा से ताल्लुक रखते हैं, वह इस तरीके से बात कर रहे हैं कि जैसे वे पाठ्यक्रम में अपराधियों के नाम को लाना चाहते हैं, इन लोगों को परेशानी यह है कि ये लोग आक्रांताओं का नाम लाना चाहते हैं और चाहते हैं कि पाठ्यक्रम में वीर सावरकर जैसे लोगों का नाम न आए, ये दुर्भाग्य की बात है. उन्होंने आगे कहा, 'यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हम अपने महापुरुषों के बारे में अपनी आने वाली पीढ़ी को बता रहे हैं. वीर सावरकर का नाम वीर सावरकर इसीलिए पड़ा है क्योंकि उन्होंने आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था.'
दरअसल, यूपी बोर्ड के सिलेबस में अब एक नया और महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहा है. उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UPMSP) के तहत अब सिलेबस में विनायक दामोदर सावरकर की जीवनी के साथ 50 अन्य महापुरुषों की जीवनी को सिलेबस में शामिल किया गया है. अन्य महापुरुषों में शहीद भगत सिंह, राम प्रसाद बिस्मिल, डॉ भीमराव अंबेडकर, सरदार वल्लभभाई पटेल, पं दीनदयाल उपाध्याय, महावीर जैन, जगदीश चंद्र बोस, पंडित मदन मोहन मालवीय आदि महान शख्सियत भी शामिल हैं.
महापुरुषों की जीवनियां सभी विद्यालयों में अनिवार्य होंगी. छात्र-छात्राओं को इस विषय में पास होना अनिवार्य होगा. हालांकि, 10वीं-12वीं की मार्कशीट में इसके नंबर नहीं जोड़े जाएंगे. एक करोड़ से ज्यादा छात्र देश के दिग्गज नेताओं के बारे में पढ़ेंगे. इन शख्सियतों जीवनियों को जुलाई से स्कूलों में पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा.
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