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'ड्रामा था...,' क्लासरूम में स्टूडेंट से शादी वाली वायरल वीडियो पर बोलीं प्रोफेसर

पश्चिम बंगाल की मौलाना अबुल कलाम आज़ाद यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (MAKAUT) में एक हैरान वाला मामला सामने आया है. यूनिवर्सिटी की अप्लाइड साइकोलॉजी डिपार्टमेंट की प्रोफेसर डॉ. पायल बनर्जी का एक वीडियो वायरल हो गया, जिसमें वह एक फर्स्ट ईयर के छात्र के साथ क्लासरूम में कथित तौर पर शादी करती नजर आ रही हैं.

 क्लासरूम में स्टूडेंट से वायरल 'शादी' वीडियो पर बोलीं प्रोफेसर क्लासरूम में स्टूडेंट से वायरल 'शादी' वीडियो पर बोलीं प्रोफेसर
अनिर्बन सिन्हा रॉय
  • नई दिल्ली,
  • 29 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 6:53 PM IST

पश्चिम बंगाल की मौलाना अबुल कलाम आज़ाद यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (MAKAUT) में एक हैरान वाला मामला सामने आया है. यूनिवर्सिटी की अप्लाइड साइकोलॉजी डिपार्टमेंट की प्रोफेसर डॉ. पायल बनर्जी का एक वीडियो वायरल हो गया, जिसमें वह एक फर्स्ट ईयर के छात्र के साथ क्लासरूम में कथित तौर पर शादी करती नजर आ रही हैं. वीडियो में प्रोफेसर को दुल्हन की तरह सजे हुए देखा गया, जहां वे छात्र के साथ जयमाला डाल रही थीं और सिंदूर भी लगवा रही थीं.

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हस्तलिखित 'शादी प्रमाण पत्र' भी वायरल
वीडियो के अलावा, एक हस्तलिखित 'शादी प्रमाण पत्र' भी वायरल हुआ है, जिसमें तीन गवाहों के हस्ताक्षर के साथ-साथ छात्र और शिक्षिका के भी हस्ताक्षर हैं. इस घटना के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन हरकत में आ गया और प्रोफेसर डॉ. बनर्जी को छुट्टी पर भेज दिया गया है.

सामने आया प्रोफेसर बनर्जी का पक्ष

इस पूरे विवाद पर डॉ. पायल बनर्जी का कहना है कि यह शादी नहीं थी, बल्कि फ्रेशर्स पार्टी के तहत एक नाटक का हिस्सा था. उन्होंने आरोप लगाया कि यह वीडियो गलत तरीके से लीक किया गया है और उन्हें बदनाम करने की साजिश रची गई है.

डॉ. पायल बनर्जी ने बताया कि ये एक महज ड्रामा था, जिसे गलत तरीके से वायरल कर दिया गया. कुछ छात्रों ने इसे जानबूझकर वायरल किया है, और मैं उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराऊंगी.

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यूनिवर्सिटी प्रशासन का क्या कहना है?

यूनिवर्सिटी के कार्यवाहक कुलपति तपस चक्रवर्ती ने इस घटना को ‘अस्वीकार्य’ करार देते हुए जांच समिति गठित करने की बात कही है. उन्होंने कहा, अगर यह सिर्फ एक प्रोजेक्ट का हिस्सा था, तो फिर विभागाध्यक्ष को छुट्टी पर क्यों भेजा गया?.

टीचर्स यूनियन ने दर्ज कराई शिकायत
वहीं, यूनिवर्सिटी के एक अन्य प्रोफेसर सुशांतो कायाल ने भी डॉ. बनर्जी के दावे को खारिज किया और इसे अनुशासनहीनता बताया. शिक्षकों के संघ ने भी इस मामले में शिकायत दर्ज कराई है, और एक जांच कमेटी पूरे मामले की जांच कर रही है.

शिक्षक-छात्र के संबंधों पर उठे सवाल
इस घटना ने शिक्षा संस्थानों में शिक्षक-छात्र संबंधों की मर्यादा और अनुशासन को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. अब देखना होगा कि जांच समिति इस मामले में क्या निष्कर्ष निकालती है और आगे क्या कार्रवाई होती है.

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