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Digital University: जानें क्‍या होती है डिजिटल यूनिविर्सिटी, छात्रों को कैसे मिलेगा इससे लाभ?

Digital University: वित्‍त मंत्री ने ऐलान किया है कि कोरोना के चलते हुए पढ़ाई के नुकसान की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री ई-विद्या स्‍कीम के तहत फ्री चैनल 12 से बढ़ाकर 200 किए जाएंंगे. सभी राज्‍यों में, रीजनल भाषाओं में कक्षा 1 से 12 तक के लिए 200 फ्री टीवी चैनल्स के माध्‍यम से पढ़ाई होगी.

What is Digital University? What is Digital University?
रविराज वर्मा
  • नई दिल्‍ली,
  • 02 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 5:43 PM IST
  • यूनिवर्सिटी 'हब एंड स्पोक' मॉडल पर आधारित होगी
  • रीजनल भाषा में मिलेगा छात्रों को पढ़ने का मौका

What is Digital University: संसद में केंद्रीय बजट 2022-23 पेश करने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में एक 'डिजिटल विश्वविद्यालय' की स्थापना की घोषणा की. यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है क्योंकि कोविड-19 महामारी से प्रेरित शैक्षणिक संस्थानों के बंद होने से कई बच्चों को नुकसान उठाना पड़ा है. वित्त मंत्री ने कहा, "देश भर के छात्रों को उनकी रीजनल भाषा में विश्व स्तरीय गुणवत्ता वाली सार्वभौमिक शिक्षा उनके दरवाजे तक पहुंचाने के लिए डिजिटल यूनिवर्सिटी की स्थापना की जाएगी."

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क्‍या है डिजिटल यूनिवर्सिटी?
डिजिटल यूनिवर्सिटी छात्रों को डिजिटल तरीकों से सीखने में सक्षम बनाएगी. इसमें फिजिकल क्‍लासेज़ की जगह वर्चुअल या ऑनलाइन क्‍लासेज़ होंगी. वित्त मंत्री ने यह भी बताया है कि यूनिवर्सिटी को 'हब एंड स्पोक' मॉडल पर बनाया जाएगा. उन्‍होंने कहा, "यूनिवर्सिटी नेटवर्क हब और स्पोक मॉडल पर, अत्याधुनिक ICT विशेषज्ञता के साथ बनाया जाएगा."

छात्रों को कैसे पहुंचाएगा लाभ?
यूनिवर्सिटी में पाठ्यक्रम विभिन्न भारतीय भाषाओं और ICT प्रारूपों में उपलब्ध कराया जाएगा. इससे सभी राज्य कक्षा 1 से 12 तक क्षेत्रीय भाषाओं में पूरक शिक्षा प्रदान करने में सक्षम होंगे. देश की सर्वश्रेष्ठ प्राइवेट यूनिवर्सिटी एक हब और स्पोक नेटवर्क के रूप में इससे कोलैबोरेट करेंगे.

क्‍या है डिजिटल यूनिवर्सिटी की उपयोगिता?
वित्‍तमंत्री के अनुसार, देश में बच्चे कोविड -19 के कारण स्कूलों में नहीं जा पाए हैं. उन्‍होंने कहा कि स्कूलों के बंद होने के कारण, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति और अन्य कमजोर वर्गों के बच्चों ने लगभग दो साल की औपचारिक शिक्षा खो दी है. अधिकांश प्रभावित बच्चे सरकारी स्कूलों से थे जिनको हुए सीखने के नुकसान की भरपाई के लिए डिजिटल एजुकेशन की दिशा में आगे बढ़ना जरूरी है.

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