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युवाओं के पास क्वालिफि‍केशन से ज्यादा ज्ञान होना जरूरी: योगी आदित्यनाथ

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक समारोह में युवाओं को सलाह दी कि वो योग्यता से ज्यादा ज्ञान के प्रति आकर्ष‍ित हों. उन्होंने युवाओं से कहा कि सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत और समर्पण का कोई विकल्प नहीं है.

UP के मुख्ययमंत्री योगी आदित्यनाथ (Image:PTI) UP के मुख्ययमंत्री योगी आदित्यनाथ (Image:PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 11 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 1:11 PM IST

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक समारोह के दौरान रविवार को कहा कि शिक्षा सैद्धांतिक ज्ञान प्राप्त करने से परे है. उन्होंने कहा कि सच्चा ज्ञान शैक्षणिक संस्थानों के भीतर कम्यूनिकेटिव एनवायरमेंट और लर्निंग बेस्ड एजुकेशन के माध्यम से प्राप्त किया जाता है. योगी आदित्यनाथ ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद (एमपीएसपी) के 91वें संस्थापक सप्ताह समारोह के समापन समारोह में ये बात कही. 
उन्होंने आगे कहा कि सफलता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत और समर्पण का कोई विकल्प नहीं है. लक्ष्य के प्रति कमिटेड और समय सीमा के भीतर काम करने से किसी को निर्धारित टारगेट को प्राप्त करने से नहीं रोका जा सकता है. आदित्यनाथ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थ‍ित थे. उनके अलावा यहां राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश और यूपी विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना भी थे. यहां उन्होंने युवाओं को समझाते हुए कहा कि कोई प्रमाण पत्र, डिप्लोमा या डिग्री किताबी ज्ञान के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है, शिक्षित और जानकार होना जीवन में सफल होने के लिए महत्वपूर्ण है. 

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पीटीआई के अनुसार योगी आदित्यनाथ ने यहां युवाओं का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि छात्रों को धैर्य और परिश्रम रखना चाहिए. इसके अलावा, उन्होंने प्रसिद्ध कवि के छंद सुनाकर छात्रों को प्रेरित किया. रामधारी सिंह दिनकर की वो कविता भी सुनाई जिसमें  चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में डटे रहने का आग्रह किया गया है. मुख्यमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 1932 में, दूरदर्शी महंत दिग्विजयनाथ ने नागरिकों को एकजुट होने के लिए मार्गदर्शन करने के संकल्प के साथ 'परिषद' की स्थापना की थी.

गुलामी से आजादी के बाद इसी प्रतिबद्धता को बरकरार रखते हुए, 'परिषद' वर्तमान में चार दर्जन संस्थानों के माध्यम से शिक्षा और सेवा पहल को लगातार आगे बढ़ा रही है.आदित्यनाथ ने महंत दिग्विजयनाथ द्वारा अपने गुरु के प्रति व्यक्त की गई भावनाओं के व्यावहारिक पहलू को याद किया. उल्लेखनीय है कि ब्रिटिश शासन के खिलाफ स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भागीदारी के कारण उनको अपनी नौकरी खोनी पड़ी थी. कृतज्ञता के भाव में, महंत दिग्विजयनाथ ने एक स्कूल की स्थापना की और अपने शिक्षक को प्रिंसिपल के रूप में नियुक्त किया. बयान के अनुसार, इस स्कूल ने महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की आधारशिला रखी. इस कार्यक्रम में, जगदंबा लाल की पुस्तक "पूर्वोत्तर के प्रहरी नागालैंड" का अनावरण किया गया. 

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