
उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद रविवार, 18 अगस्त 2024 को यूपी शिक्षा विभाग की बड़ी बैठक होने वाली है. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में भर्ती प्रक्रिया को लेकर मंथन किया जाएगा. इस बैठक में शिक्षा मंत्री समेत विभाग के सभी अफ़सर मौजूद रहेंगे.
सूत्रों से मिली जानकारी मुताबिक, बैठक में तय होगा कि सरकार हाईकोर्ट के फैसले को लागू करेगी या SC में अपील करेगी. क्योंकि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने यूपी की 69000 सहायक शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट रद्द कर दी है और 90 दिन में भर्ती परीक्षा का परिणाम नए सिरे से जारी करने का आदेश भी दिया है.
सरकार के साथ हजारों सहायक शिक्षकों को झटका
हाईकोर्ट की डबल बेंच ने जून 2020 में जारी चयन सूची और 6800 अभ्यर्थियों की पांच जनवरी 2022 की चयन सूची को दरकिनार कर नए सिरे से सूची बनाने के आदेश दिया है. इस आदेश से यूपी सरकार को तो झटका लगा ही है, साथ ही नई चयन सूची तैयार होने से पिछले 4 सालों से नौकरी कर रहे हजारों शिक्षकों के सामने भी असमंजस की स्थिति है. हालांकि कोर्ट ने आदेश में कहा कि फिलहाल कार्यरत किसी सहायक शिक्षक पर विपरीत असर पड़ता है तो मौजूदा सत्र का लाभ दिया जाए ताकि छात्रों की पढ़ाई पर खराब असर न पड़े.
हाईकोर्ट ने क्या कुछ कहा?
69 हजार शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण अनियमितता का मामला लंबे समय से हाईकोर्ट में लंबित था. शिक्षक भर्ती में 19 हजार सीटों के आरक्षण को लेकर अनियमितता के आरोप लगे थे. इसमें विसंगतियों का आरोप लगाते हुए कई लोग कोर्ट गए थे. हाईकोर्ट ने 69000 सहायक शिक्षकों की मौजूदा सूची को गलत मानते हुए मेरिट सूची को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को 3 महीने के अंदर नई मेरिट लिस्ट तैयार करने का आदेश दिया है. इसमें आरक्षण के नियमों और बेसिक शिक्षा नियमावली के तहत करने के आदेश दिए गए हैं.
अभ्यर्थियों का क्या कहना है?
आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों ने दावा किया कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में ओबीसी वर्ग को 27% की जगह मात्र 3.86% आरक्षण मिला यानी ओबीसी वर्ग को 18598 सीट में से मात्र 2637 सीट मिलीं. एससी वर्ग को भी 21% की जगह मात्र 16.6% आरक्षण मिला.
अभ्यर्थियों का आरोप है कि 69 हजार शिक्षक भर्ती में से अभ्यर्थियों ने दावा किया कि 69 हजार शिक्षकों की भर्ती में करीब 19 हजार सीटों का घोटाला हुआ. इसको लेकर वह हाईकोर्ट भी गए और राष्ट्रीय पिछड़ा आयोग में भी शिकायत की.
उनका कहना था कि इस नियमावली में साफ है कि कोई ओबीसी वर्ग का अभ्यर्थी अगर अनारक्षित श्रेणी के कटऑफ से अधिक नंबर पाता है तो उसे ओबीसी कोटे से नहीं बल्कि अनारक्षित श्रेणी में नौकरी मिलेगी. यानी वह आरक्षण के दायरे में नहीं गिना जाए. जबकि उस वक्त सरकार का कहना था कि करीब 31 हजार ओबीसी वर्ग के लोगों की नियुक्ति की गई.
बता दें कि 69 हजार सहायक शिक्षक पदों के लिए निकली इस भर्ती की परीक्षा 6 जनवरी 2019 को हुई. इस भर्ती के लिए अनारक्षित की कटऑफ 67.11 फीसदी और ओबीसी की कटऑफ 66.73 फीसदी थी. इस भर्ती के तहत करीब 68 हजार लोगों को नौकरी मिली है.