
आप और हम जब पहली बार किसी से मिलते हैं तो न चाहते हुए भी सामने वाले के बारे में कुछ न कुछ धारणा अपने दिमाग में जरूर बना लेते हैं. आप न चाहते हुए भी सामने वाले को थोड़ा बहुत जज कर लेते हैं. साइकोलॉजिस्ट की मानें तो हम किसी को इसलिए जज करते हैं क्योंकि हमारा दिमाग हमें सुरक्षित रखने के लिए ट्रेन्ड होता है. सामने वाले व्यक्ति से स्थिरता और निश्चिंतता प्राप्त करने के हम लोगों को जज करते हैं.
एक्सपर्ट्स की मानें तो लोगों के बारे में पहली मुलाकात में इंप्रेशन हम 6 चीजों के आधार पर बनाते हैं. आज हम आपको यहां उन 6 चीजों के बारे में बता रहे हैं जिसके आधार पर हम किसी को जज करते हैं या सामने वाला व्यक्ति हमें जज करता है.
आपके बोलने के तरीके पर: एक्सपर्ट्स की मानें तो आप जिस तरीके से बात करते हैं, उसके आधार पर लोग आपको जज करते हैं. जब आप सामने वाले से पहली मुलाकात में अपने जीवन के बारे में बताते हैं. अपने बारे में बहुत ज्यादा चीजें शेयर करते हैं तो सामने वाले व्यक्ति को लग सकता है कि आप सच्चे इंसान हैं. वहीं, आप पर भरोसा किया जा सकता है. हालांकि, कई लोग आपके इस तरीके से ये धारणा भी बना सकते हैं कि आप अंटेशनसीकर हैं.
आपके रंगों की पसंद पर: आप किसी के साथ अपनी पहली मुलाकात पर किस रंग के कपड़े पहनते हैं, इससे भी लोग आपको जज करते हैं. जब आप हल्के रंग के कपड़े पहनते हैं तो लोगों पर ये इम्प्रेशन पड़ता है कि आप फ्रेंडली हैं. वहीं, गाढ़े रंग के कपड़े पहनने पर ये धारणा बनती है कि आप लोगों पर हक जमाने वाले व्यक्ति हैं. एक्सपर्ट्स की मानें जो लोग नीले रंग के कपड़े पहनते हैं, उनको लेकर ये धारणा बनती है कि वो शक्तिशाली और प्रभावशाली हैं.
फोन इस्तेमाल करने के तरीके से: आज के डिजिटल युग में हर कोई फोन इस्तेमाल करता है. फोन के बिना रहना लोगों के लिए लगभग नामुमकिन सा है. ऐसे में लोग आपको आपके फोन इस्तेमाल करने के तरीके पर भी जज करते हैं. अगर आप किसी से बातचीत कर रहे हैं और बार-बार अपना फोन देख रहे हैं तो इससे ये धारणा बनती है कि आप सामने वाले व्यक्ति के समय की इज्जत नहीं करते हैं. अगर आप बहुत ज्यादा फोन इस्तेमाल करते हैं तो सामने वाले व्यक्ति के मन में ये धारणा बनती है कि आप विश्वास करने वाले व्यक्ति नहीं हैं.
आप खुद के बारे में कितनी बात कर रहे हैं: अगर आप किसी से पहली बार मिल रहे हैं और हर बात को घुमाफिरा कर अपने आप से जोड़ रहे हैं तो मुमकिन है कि सामने वाले व्यक्ति के मन में ये धारणा बने कि आप घमंडी व्यक्ति हैं. आप केवल अपने आपके बारे में सोचते हैं. हर वक्त अपने बारे में बात करने से सामने वाला व्यक्ति आपसे परेशान हो सकता है.
आपके चेहरे के एक्सप्रेशन: आप किसी से बातचीत करते वक्त चेहरे पर क्या भाव रखते हैं, इससे भी लोग आपको जज करते हैं. जब आप किसी से पहली बार मिलते हैं और आपके चेहरे पर मुस्कान नहीं होती है तो लोगों को लग सकता है कि आप बेमन ही उनसे मिल रहे हैं. किसी से मुस्कुराते हुए मिलने से आप सामने वाले व्यक्ति को पॉजिटिव लगते हैं. वहीं, अगर आप चेहरे पर मायूसी लेकर या चिंता लेकर मिलते हैं तो सामने वाले व्यक्ति को आपसे निगेटिविटी महसूस हो सकती है.
आंखों में आंखे डालकर बात करना: अगर आप किसी से बात कर रहे हैं और उसकी तरफ देखने की जगह इधर-उधर देख रहे हैं तो इससे ये लग सकता है कि आप इस मुलाकात से नर्वस हैं. वहीं, जब आप किसी से आंखों में आंखे डालकर बात करते हैं तो आप कॉन्फिडेंट व्यक्ति का इम्प्रेशन सामने वाले पर डालते हैं.