
नाज़ुकी उस के लब की क्या कहिए.... पंखुड़ी इक गुलाब की सी है! नाजुक मिजाज लोगों से मिलें तो मीर का यह शेर ज़हन में जरूर रखें. ओवर इमोशनल लोग अक्सर छोटी सी बात पर हर्ट हो जाते हैं. उनका हर्ट होना कई बार खुद को भी भीतर से हिला देता है. हम सोचने लगते हैं कि मैंने ऐसा क्या कह दिया जो इसे इतना बुरा लग गया. हालांकि, उनको बातों का बुरा लगना बिल्कुल नेचुरल है. आप कई बार सोच सकते हैं कि सामने वाला व्यक्ति ओवर रिएक्ट कर रहा है, लेकिन ऐसा होता नहीं है. दरअसल, जरूरी नहीं है कि आप जैसा किसी बात को लेकर फील कर रहे हैं, सामने वाला भी वैसा ही महसूस करे.
हर किसी व्यक्ति के सोचने, समझने का तरीका अलग होता है. कई लोग जीवन में बहुत प्रैक्टिकल होते हैं तो कई लोग बहुत ही ज्यादा इमोशनल. ओवर इमोशनल लोग आपकी कही बातों और की गई हरकतों की छोटी-छोटी डिटेल्स को बारीकी से नोटिस करते हैं. अगर कोई बात उन्हें बुरी लग जाए तो वो लंबे वक्त तक उसी के बारे में सोचते हैं. इसलिए जब भी आप किसी ओवर इमोशनल व्यक्ति से बातचीत करें तो आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
उन्हें बार-बार एहसास न दिलाएं कि वो बहुत ज्यादा इमोशनल हैं: ज्यादा इमोशनल व्यक्ति को बार-बार ये बताने कि जगह कि वो कितने इमोशनल हैं, आपको उनसे पूछना चाहिए कि वो कैसा महसूस कर रहे हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ऐसा करने से आप उस कारण का पता कर सकते हैं, जिसकी वजह से वो इमोशनल हैं. वहीं, हो सकता है कि आपके सवाल से वो अपने दिल की बात आपसे शेयर करके हल्का और अच्छा महसूस करें.
फीलिंग्स समझने का दावा न करें: एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर आपको इस बात का अंदाजा नहीं है कि सामने वाला कैसा महसूस कर रहा है, तो इस बात का दावा भी न करें. सामने वाले से ये न कहें कि आप समझ सकते हैं कि वो कैसा महसूस कर रहा है. जब आप ऐसा करते हैं तो सामने वाले व्यक्ति को लगता है कि आप बस उसकी फीलिंग्स के बारे में बातचीत करना बंद करना चाहते हैं.
ऐसी स्थिति में आपको कहना चाहिए कि आप समझना चाहते हैं कि सामने वाला कैसा महसूस कर रहा है. हो सकता है जब वो आपको कुछ समझाए तो आप उससे कनेक्ट न कर पाएं, लेकिन जब आप सामने वाले की फीलिंग्स को समझने की कोशिश करेंगे तो उसे अच्छा महसूस होगा.
गुस्से में आपा न खोएं: अगर कोई ओवर इमोशनल व्यक्ति किसी छोटी सी बात पर रोने भी लगे तो आपको कभी भी उन्हें जज नहीं करना चाहिए. हो सकता है कि आपके लिए वो बात इतनी जरूरी नहीं हो लेकिन सामने वाले व्यक्ति के लिए वो बात बहुत जरूरी हो सकती है. जरूरी नहीं है कि आप वो चीज महसूस कर पाएं जो सामने वाला व्यक्ति महसूस कर रहा है. आपको प्यार से उनकी बात को सुनना चाहिए. आपका चिड़चिड़ापन और गुस्सा ओवर इमोशनल व्यक्ति को असहज कर सकता है.
फीलिंग्स को लॉजिक देकर दबाने की कोशिश न करें: जब कोई ओवर इमोशनल व्यक्ति अपनी फीलिंग्स शेयर करता है तो लोग अक्सर उन्हें समझाने के लिए लॉजिक देने लगते हैं. हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि आपको ऐसा करने से बचना चाहिए. हो सकता सामने वाले व्यक्ति को अच्छा महसूस कराने के लिए ही आप उसे लॉजिक दे रहे हों, लेकिन जिस वक्त वो पहले से ही किसी बात को लेकर परेशान है तो आपका लॉजिक और परेशान कर सकता है.