
अगर आप लोगों को 'न' नहीं कह पाते हैं तो मुमकिन है कि इसका असर आपकी प्रोडक्टिविटी पर पड़ सकता है. अगर आप हर किसी को हां कहते रहेंगे तो आपके पास एक के बाद एक तमाम सारे काम आते रहेंगे. इससे आपको अपने कामों के लिए वक्त निकाल पाना मुश्किल लगेगा. यही नहीं, अगर आप काम के अलावा भी दूसरों को न नहीं कह पाते तब भी आपके समय पर ही इसका असर पड़ता है. जीवन में कुछ भी हासिल करने के लिए जरूरी है कि आप अपने वक्त का सही इस्तेमाल करें. इसके लिए जरूरी है कि आप लोगों को 'न' कहना सीखें.
क्यों नहीं कह पाते 'न'?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि हम लोगों को न इसलिए नहीं कह पाते क्योंकि हमें डर होता है कि 'न' कहके हम सामने वाले व्यक्ति को नाराज कर सकते हैं. दुखी कर सकते हैं या परेशान कर सकते हैं. इसके अलावा एक कारण और है. अगर आप प्रोफेशनल लाइफ की बात करें तो हमें ये डर होता है कि हम जिस व्यक्ति को न कह रहे हैं, अगर उसके साथ भविष्य में काम करने का मौका आया तो अभी 'न' करके हम अपना रिश्ता खराब कर रहे हैं, लेकिन एक बात जो हम सबको हमेशा ध्यान रखनी चाहिए वो ये है कि सफल लोगों को 'न' कहने की कला जरूर आनी चाहिए.
'न' कहना क्यों जरूरी?
कुछ सफल लोगों का भी यही मानना है कि सफलता के लिए 'न' कहना जरूरी है. ओपरा विनफ़्रे, जिन्हें दुनिया की सबसे सफल महिलाओं में से एक माना जाता है, उन्होंने इस चीज को कबूला है कि जीवन में बहुत बाद में उन्होंने 'न' कहने की कला सीखी. इसके अलावा, दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में शामिस वॉरेन बफेट ने भी ये माना है कि अपने वक्त को सही से इस्तेमाल करने के लिए 'न' कहना जरूरी है.
कैसे कहें 'न'?
जैसा कि हम जान चुके हैं कि सफलता और स्ट्रेस फ्री लाइफ के लिए 'न' कहना जरूरी है तो आइए जानते हैं कैसे आप लोगों को मना करें कि आपके और उनके रिश्ते पर फर्क न पड़े.
खुद के वक्त की कीमत समझें: आप लोगों को तभी 'न' कह पाएंगे जब आप अपने वक्त की कीमत को समझेंगे. एक बार जब आप अपने वक्त की कीमत को समझेंगे और अपने काम को तरजीह देंगे तभी आप लोगों को न कहना सीख पाएंगे. एक बार अगर आप ऐसा करने लगे तो उसके बाद अगर कोई आपके पास अपना कोई काम लेकर आएगा तो आप उसे बता सकेंगे कि आपके पास पहले से ही बहुत काम है इसलिए आप उसकी मदद नहीं कर सकते. ऐसा करने से सामने वाले व्यक्ति को बुरा भी नहीं लगेगा और आप अपना काम भी पूरा कर पाएंगे.
खुद की प्राथमिकताओं को समझें: कई बार होता है कि हम अपने काम से थोड़ा वक्त निकाल लेते हैं. ऐसे में अगर उस वक्त में कोई आपके पास अपना काम लेकर आए तो पहले ये समझें कि आपने वो वक्त क्यों लिया था. अगर आपके पास अधिक समय है तो उसमें उन चीजों को वक्त दें जो आपके लिए जरूरी हैं, लेकिन वक्त की कमी की वजह से आप उनपर ध्यान नहीं दे पाते. ऐसा नहीं होना चाहिए कि आप अपने काम से फ्री होके दूसरों के कहने पर उनका काम करें.
'न' कहने के लिए सॉरी न बोलें: अक्सर लोग 'न' बोलने की शुरुआत सॉरी से करते हैं. 'सॉरी, मैं यह काम नहीं कर सकता', लोगों के मन में आम धारणा है कि सॉरी से वाक्य की शुरुआत 'न' कहने का अच्छा और शांत तरीका है, लेकिन आपको ये समझना चाहिए कि आप अगर अपने वक्त की कीमत समझना चाह रहे हैं और अपना काम करना चाह रहे हैं तो उसके लिए आपको सॉरी फील करने की जरूरत नहीं होता. अगर आप दूसरों को 'न' कहने के लिए सॉरी फील करेंगे तो आपको उस चीज से परेशानी होती रहेगी.
ऑफिस में ऐसे कहें न: करियर में हर कोई आगे बढ़ना चाहता है. ऐसे में वर्क प्लेस में 'न' कहना मुश्किल हो जाता है. हमें ऐसा लगता है कि हम अगर 'न' कहेंगे तो हमारी छवि खराब होगी. हालांकि, ऐसा नहीं है. अगर आप ठीक ढंग से न कहेंगे तो सामने वाला व्यक्ति आपकी बात को समझेगा. अगर ऑफिस में आपके सीनियर आपको एक के बाद एक कई काम देते जा रहे हैं तो उन्हें बताएं कि आपके पास पहले से काफी काम है और अगर आप कुछ नया काम लेंगे तो आपकी प्रोडक्टिविटी पर असर पड़ेगा और इससे काम की रफ्तार धीरे होगी. अगर आप ऐसा करेंगे तो सामने वाले व्यक्ति को आपकी बात समझ आएगी.