
हम सबके आसपास कोई न कोई ऐसा शख्स तो होता ही है, जो बेहद नेगेटिव होता है. लेकिन कहीं आप भी नेगेटिव इंसान तो नहीं! हो सकता है आप सोचते हों कि आप बहुत पॉजिटिव हैं लेकिन आपके अंदर भी नकारात्मक शख्स वाली आदतें तो नहीं? हालांकि, नकारात्मक होना हमेशा असभ्य या व्यंगात्मक होना नहीं होता. नकारात्मकता एक भाव है, जो कुछ वक्त या कुछ चीजों से जुड़ा भी हो सकता है. वहीं, कुछ हालात भी आपको नकारात्मक बना सकते हैं. इससे बचने के लिए सबसे पहले इसकी पहचान करना जरूरी है. आइये कुछ बातों के जरिए जानते हैं कि कहीं आप भी नेगेटिव इंसान तो नहीं..
हर चीज में गलतियां ढूंढना: क्या आप कभी ऐसे इंसान से मिले हैं, जो आपको या आपके काम को जज करे और उसका प्रयास सिर्फ गलतियां निकालने का हो या फिर वो लगातार शिकायतें करता रहता है, भले ही वो खुद कितना भी गलत क्यों न हो. अगर आपमें भी ऐसी आदतें हैं तो आप नकारात्मकता से जूझ रहे हैं.
अलोचना को बर्दाश्त न कर पाना: नकारात्मक लोग अक्सर आलोचनाओं को बर्दाश्त नहीं कर पाते. ऐसा दो तरीके से हो सकता है. या तो ये लोग आलोचनाओं पर ध्यान ही नहीं देते. वो इस बात को पूरी तरह नजरअंदाज करते हैं कि लोग उनके बारे में क्या कह रहे हैं. दूसरा तरीका ये है कि वो आलोचनाओं पर इतना ज्यादा ध्यान देते हैं कि उस दिल से लगा बैठते हैं और लड़ने-झगड़े लगते हैं कि किसी ने उनकी गलती कैसे निकाली.
अतीत पर टिके रहना: अतीत हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन यह भविष्य में सब कुछ निर्धारित नहीं करता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि हमें इन चीजों के बारे में सीखने की जरूरत है, जैसे कि उन्होंने हमें कैसे प्रभावित किया, हमने दूसरों से क्या सीखा और भविष्य के नुकसान से कैसे बचा जा सकता है. लेकिन भविष्य पर ध्यान दिए बगैर इतिहास की गलतियों को सोचते रहना दुख में धकेलने जैसा है. ये नकारात्मकता को बढ़ावा देता है.
दूसरों को जज करना: लोगों के बारे में गॉसिप करना नकारात्मकता की निशानी है. आपने कई लोग ऐसे देखे होंगे जो पीठ पीछे लोगों का मजाक बनाते हैं, उनकी कमियां गिनवाते हैं और लोगों की नजर में उस शख्स की निगेटिव छवि बनाने हैं. एक्सपर्ट के मुताबिक, ऐसे लोग अपने और दूसरों के बारे में नकारात्मकता फैलाते हैं.
परेशानियों पर फोकस, हल पर नहीं: कई बार हम इतने नेगेटिव हो जाते हैं कि हमें नेगेटिविटी ही आकर्षित करने लगती है. हालत ये हो जाती है कि हम उसके हल पर विचार ही नहीं कर पाते, बस परेशानी के बारे में ही सोचते रहते हैं. अगर आपके साथ भी ऐसा है तो जरूरी है कि इस पर गैर करें और सुझाव पर फोकस करके अपने अंदर सकारात्मक बदलाव लाएं.