
किसी भी एक काम में लगे रहना या एक जगह अटके रहने से जिंदगी में निरस होने लगता है. इसलिए हर चीज में समय-समय पर नयापन लाना बेदह जरूरी है. चाहे जिंदगी का कोई और काम हो या नौकरी, एक जगह अटके रहना विकास में बाधा है. व्यक्ति के लिए नए काम की शुरुआत हो या नई नौकरी की बात हो, इसमें उत्साह के साथ-साथ घबराहट भी होती है. लेकिन इस डर से पीछे हटना इसका इलाज नहीं है. तो आइये जानते हैं, इस घबराहट से बचने के लिए किन बातों का ख्याल रखना जरूरी है.
इन बातों का रखें ख्याल
सबसे पहले इस बात को समझना बेहद जरूरी है कि कंपनी ने एक लंबे प्रॉसेस के बाद आपको चुना है. यानी कंपनी ने आपकी काबिलियत के बल पर ही आपका चुनाव किया है. आपके अंदर कुछ ऐसा है, जिसकी वजह से कंपनी ने किसी खास जॉब रोल के लिए आपको चुना है. इसलिए अपनी नकारात्मक सोच को सकारात्मकता में बदलें.
नए माहौल में ढलने के लिए जरूरी है कि आप अपनी ऑब्जर्वेशन पावर का इस्तेमाल करें. नौकरी के शुरुआती दिनों में आपको कोई टारगेट या कोई जिम्मेदारी नहीं दी जाती. शुरुआती समय काम को समझने के लिए होता है. इस समय का सही इस्तेमाल करके जरूरी है कि आप काम करने पर ध्यान देने से पहले काम को समझें. इस कंपनी में किस तरह से काम होता, कौन क्या करता है, जैसी कई बातें हैं जिन पर गौर करना जरूरी है.
सवाल पूछने के नाम से हमें लगता है कहीं लोग हमें बेवकूफ न समझें लेकिन नए काम को समझने के लिए सवाल करना जरूरी है. याद रहे कि अगर आपके बॉस भी नई कंपनी ज्वॉइन कर रहे हैं तो वो भी पहले वहां जाकर तमाम तरह के सवाल करेंगे. जिससे वो वहां का काम समझ सकें. तो आपको भी किसी तरह की हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए.
नए लोगों के साथ कंपनी में आपको फिट करना आपके बॉस की जिम्मेदारी है. इसलिए जरूरी है कि आप आपने बॉस के साथ संवाद बनाए रखें. उन्हें समय-समय पर अपने काम या काम में आ रही परेशानियों के बारे में अवगत करवाते रहें, जिससे आपके बॉस आगे के काम में मददगार साबित हो सकते हैं.
काम के प्रेशर के बीच बात कर पाना हमेशा मुमकिन नहीं होता. इसलिए जरूरी है कि काम के बीच ब्रेक में या जॉब के वक्त के बाद साथ काम करने वालों से बात करें. अनौपचारिक बातचीत लोगों को माहौल में ढलने के लिए बहुत मददगार होती है. इसके अलावा साथ खाना-पीना लोगों के बीच के गैप को बहुत जल्दी कम करता है. इसलिए कॉफी या चाय पर जाना अच्छा कदम हो सकता है.