अन्याय के खिलाफ सीना तानकर खड़े होने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म आज ही के दिन यानी 23 जनवरी 1897 को हुआ था. जो जीवन उन्होंने जिया वो आज भी भारतीय इतिहास में दर्ज है, लेकिन उनकी मौत को लेकर आज भी सवाल उठते हैं. आइए जानें कैसे हुई थी उनकी मौत? हाल ही में एक RTI से आए जवाब से नेताजी की रहस्यमयी मौत की तस्वीर थोड़ी साफ हुई है.
नेताजी के नाम से मशहूर इस देशभक्त ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे. उनकी मौत के सच के बारे में कुछ साल पहले सायक सेन नाम के व्यक्ति ने आरटीआई दायर की गई थी, इस पर गृह मंत्रालय ने ये जवाब दिए थे.
गृह मंत्रालय के जवाब के मुताबिक नेताजी की मौत 18 अगस्त, 1945 को हुई थी. उनकी मौत एक विमान हादसे में हुई थी. हालांकि, भारत सरकार की इस बात से सुभाष चंद्र बोस का परिवार काफी नाराज है और इसे एक गैर जिम्मेदाराना हरकत कहा है. नेताजी के पोते चंद्र कुमार बोस ने ये कहा है, ‘केंद्र सरकार इस तरह कैसे जवाब दे सकती है, जबकि मामला अभी सुलझा नहीं है.’
RTI के जवाब में केंद्र सरकार ने नेताजी की मौत से जुड़ी 37 फाइलें भी जारी की हैं. साथ ही इसमें शाहनवाज कमेटी, जस्टिस जी.डी. खोसला कमीशन, और जस्टिस मुखर्जी कमीशन की रिपोर्ट का भी हवाला दिया गया है.
चंद्र कुमार बोस ने इस मामले में गृहमंत्रालय को माफी मांगने को भी कहा है, और साथ SIT के गठन का भी अनुरोध किया है जो कि इन जारी की गई फाईलों का अध्ययन कर सकें. चंद्र कुमार बोस ने नेताजी की ताइवान में मिली अस्थियों का केंद्र सरकार से DNA टेस्ट करवाने को कहा है.
तथ्यों के मुताबिक 18 अगस्त, 1945 को नेताजी हवाई जहाज से मंचुरिया जा रहे थे और इसी हवाई सफर के बाद वो लापता हो गए. हालांकि, जापान की एक संस्था ने उसी साल 23 अगस्त को ये खबर जारी किया कि नेताजी का विमान ताइवान में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसके कारण उनकी मौत हो गई.
लेकिन इसके कुछ दिन बाद खुद जापान सरकार ने इस बात की पुष्टि की थी कि, 18 अगस्त, 1945 को ताइवान में कोई विमान हादसा नहीं हुआ था. इसलिए आज भी नेताजी की मौत का रहस्य खुल नहीं पाया है. गौरतलब है कि नेताजी ने अपना पूरा जीवन रहस्यमय तरीके से ही जिया, पर उनकी मौत भी इतने रहस्यमय तरीके से होगी ये किसी ने नहीं सोचा था.