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Success Story: सिविल जज बनी 23 साल की मलयाली ट्राइब लड़की, डिलीवरी के कुछ दिन बाद दी थी परीक्षा

Success Story Tribal woman V Sripathy: श्रीपति के परिवार के करीबी सूत्रों ने कहा कि उन्होंने नवंबर 2023 में 250 किलोमीटर दूर चेन्नई में परीक्षा दी और कुछ दिन पहले अंतिम चयन के लिए साक्षात्कार में भाग लिया. उन्होंने कहा कि उनके गांव ने भी इस पद पर उनके चयन के बाद ढोल, माला और एक स्वागत समारोह आयोजित किया.

23 वर्षीय आदिवासी लड़की वी श्रीपति ने सिविल जज बनकर इतिहास रच दिया है. 23 वर्षीय आदिवासी लड़की वी श्रीपति ने सिविल जज बनकर इतिहास रच दिया है.
प्रमोद माधव
  • चेन्नई,
  • 14 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 12:57 PM IST

Success Story Tribal woman V Sripathy: 23 साल की आदिवासी लड़की वी श्रीपति ने तमिलनाडु लोक सेवा आयोग (TNPSC) द्वारा आयोजित सिविल कोर्ट जज एग्जाम क्रैक करके इतिहास रच दिया है. वी श्रीपति, थिरुपाथुर जिले के पुलियूर गांव में मलयाली जनजाति से संबंधित येलागिरी हिल्स की रहने वाली हैं. वो तिरुवन्नामलाई में आरक्षित वन की सीमा से लगे थुविंजिकुप्पम में थीं, कलियाप्पन और मल्लिगा की सबसे बड़ी बेटी हैं. 

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बच्चे को जन्म देने के कुछ दिन बाद दिया था सिविल जज एग्जाम
उनकी इस उपलब्धि ने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन समेत कई लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है. सिर्फ इसलिए ही नहीं क्योंकि वो राज्य के सबसे पिछड़े पहाड़ी इलाकों में से एक से आती है, बल्कि इसलिए भी कि उन्होंने बच्चे को जन्म देने के कुछ ही दिन बाद परीक्षा दी थी.

मुझे यह जानकर गर्व है कि... सीएम स्टालिन ने की सराहना
सीएम एमके स्टालिन ने श्रीपति की उपलब्धि की सराहना की. उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' (पहले ट्विटर) पर लिखा, 'मुझे यह देखकर खुशी हुई कि एक वंचित पहाड़ी गांव की एक आदिवासी लड़की ने इतनी कम उम्र में यह उपलब्धि हासिल की है. मुझे यह जानकर गर्व है कि श्रीपति को उस आदेश के माध्यम से न्यायाधीश के रूप में चुना गया है जिसे हमारी द्रविड़ मॉडल सरकार ने तमिल में शिक्षित लोगों के लिए सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता के रूप में लाया है. उसकी सफलता में सहयोग देने के लिए उसकी मां और पति को धन्यवाद! तमिलनाडु का उत्तर श्रीपति जैसे लोगों की सफलता है जो सामाजिक न्याय शब्द का उच्चारण करने का साहस किए बिना तमिलनाडु आते हैं.'

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अपनी जान जोखिम में डालकर दी परीक्षा
खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' (पहले ट्विटर) पर वी श्रीपति की सरहाना करते हुए लिखा, 'हमें खुशी है कि तमिल माध्यम में पढ़ाई करने वालों को सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देने के हमारे द्रविड़ मॉडल सरकार के अध्यादेश के माध्यम से सिस्टर श्रीपति को न्यायशास्त्र न्यायाधीश के रूप में चुना गया है. विशेषकर, बच्चे को जन्म देने के दो दिन बाद परीक्षा देने की कठिन परिस्थिति में. अपनी जान जोखिम में डालकर परीक्षा के लिए लंबी दूरी तय करने का उनका दृढ़ संकल्प सराहनीय है. श्रीपति के सपनों को जीतें, जो दूसरों के लिए एक उदाहरण हैं, क्योंकि शिक्षा ही एकमात्र अविनाशी संपत्ति है.'

गांव वालों ने ढोल-माला के साथ किया स्वागत
श्रीपति के परिवार के करीबी सूत्रों ने कहा कि उन्होंने नवंबर 2023 में 250 किलोमीटर दूर चेन्नई में परीक्षा दी और कुछ दिन पहले अंतिम चयन के लिए साक्षात्कार में भाग लिया. उन्होंने कहा कि उनके गांव ने भी इस पद पर उनके चयन के बाद ढोल, माला और एक भव्य जुलूस के साथ एक स्वागत समारोह आयोजित किया. बता दें कि श्रीपति ने बीए और बैचलर ऑफ लॉ करने से पहले येलागिरी हिल्स में अपनी शिक्षा पूरी की है.

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