
CBSE Term 1 Term 2 Marking System: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) जल्द ही 10वीं-12वीं का फाइनल रिजल्ट घोषित करने वाला है. लाखों छात्र रिजल्ट के साथ साथ इस बात को लेकर टेंशन में हैं कि उनका असेसमेंट कैसे होगा. छात्रों की इस दुविधा पर aajtak.in ने शिक्षाविदों व सीबीएसई बोर्ड से जुड़े सदस्यों से बात करके जाना कि इस बार की इवैल्यूएशन पॉलिसी कैसी हो सकती है. टर्म 1 और टर्म 2 के एग्जाम के आधार पर कैसे असेसमेंट होगा.
असेसमेंट को लेकर कनफ्यूजन
यह पहली बार है जब सीबीएसई बोर्ड ने न्यू एजुकेशन पॉलिसी लागू करते हुए छात्रों की परीक्षा आयोजित कराई. इस बीते सत्र में बोर्ड ने दो टर्म में परीक्षाएं हुई थीं. इनमें से टर्म वन की परीक्षा ऑब्जेक्टिव बेसिस पर और टर्म टू की परीक्षा सब्जेक्टिव आधार पर ली गई. अब इन्हीं परीक्षाओं के आधार पर ही 10वीं और 12वीं का रिजल्ट तय किया जाना है. इसे लेकर छात्रों के मन में तमाम तरह के सवाल ये उठ रहे हैं कि उन्हें टर्म वन और टर्म टू में बराबर बराबर यानी 50:50 वेटेज स्कीम के आधार पर नंबर मिलेंगे या बोर्ड 70:30 का फार्मूला अपनाएगी जिसमें टर्म वन को 30 और टर्म टू को 70 मार्क्स का वेटेज मिलेगा. सीबीएसई ने असेसमेंट को लेकर अपनी पॉलिसी हालांकि अभी साफ नहीं की है, लेकिन इसके अनुमान को लेकर शिक्षाविद अलग राय दे रहे हैं.
जैसा सिलेबस वैसा वेटेज
एल्कॉन ग्रुप ऑफ स्कूल के डायरेक्टर अशोक पांडेय ने कहा कि सीबीएसई बोर्ड के पास असेसमेंट के तमाम प्रोसेस हैं. हमेशा सीबीएसई की मंशा यही रही है कि कि बच्चों का कोई नुकसान न हो. बच्चों का हित सर्वोपरि है और यही सीबीएसई की फिलॉस्फी है. वो आगे कहते हैं कि इस बार दो एग्जाम हुए हैं, पहला ऑब्जेक्टिव हुआ है टर्म 1, दूसरा टर्म 2 सब्जेक्टिव हुआ है. दोनों टेस्ट का मापदंड एकदम अलग है. अलग होने के अलावा दोनों का सिलेबस अलग अलग है. इसमें टर्म वन में करीब 40 फीसदी कवर किया गया है, वहीं टर्म 2 में 60 फीसदी. ऐसे में कोई भी इवैल्यूएशन हो, उसमें दोनों का हिस्सा होना चाहिए. पहले में जितना सिलेबस कवर हुआ, उतना ही वेटेज होना लगभग तय है. इस तरह देखा जाए तो वेटेज 40:60 प्रतिशत होगा. अशोक पांडेय ने कहा कि जिस अनुपात में सिलेबस कवर हुआ, उसी अनुपात में वेटेज होगा.
टर्म 2 को मिलेगी ज्यादा वेटेज?
सीबीएसई की गवर्निंग बॉडी की सदस्य व शिक्षाविद डॉ ज्योति अरोड़ा कहती हैं कि जिस तरह पेपर तैयार किए गए, उसके आधार पर टर्म वन से टर्म टू को ज्यादा वेटेज मिलेगी. मेरे हिसाब से टर्म टू को ज्यादा वेटेज इसलिए भी मिलेगी क्योंकि टर्म टू सब्जेक्टिव पेपर था. ये तीन घंटे का पेपर था. रही बात बच्चों की असेसमेंट पॉलिसी में मांग को लेकर तो मैं यही कहूंगी कि बच्चों को इस बारे में उलझना नहीं चाहिए. सीबीएसई एक बडा और पूरी तरह स्टूडेंट फ्रेंडली बोर्ड है. वो जो भी करेंगे अच्छा करेंगे. इसके असेसमेंट सिस्टम तैयार करने में देश के जाने माने शिक्षाशास्त्री जुड़े हैं, जो कि सालों से इवैल्यूएशन या कैलकुलेशन मॉडल देख रहे हैं.
छात्र कर रहे Best Of Either Term Subject wise असेसमेंट की मांग
बीते करीब दो माह से ट्विटर पर सीबीएसई बोर्ड के छात्र इवैल्यूएशन को लेकर बेस्ट ऑफ ईदर टर्म्स पॉलिसी की मांग कर रहे हैं. स्टूडेंट एक्टिविस्ट हिमांशु बोरा कहते हैं कि बच्चे चाहते हैं कि उन्हें सब्जेक्ट वाइज आंका जाए, दोनों टर्म में किसी एक सब्जेक्ट के बेहतर परफॉर्मेंस के आधार पर वेटेज मिलना चाहिए. गुजरात के दसवीं के छात्र मृत्युंजय पांडेय कहते हैं कि बीते दो सालों में ऑफलाइन पढ़ाई प्रॉपर तरीके से नहीं हो पाई, उस पर सीबीएसई का पैटर्न भी बदल गया. हम लोगों के लिए ये एकदम नया अनुभव रहा है, हमें असेसमेंट पॉलिसी को लेकर बहुत चिंता है. इसलिए ज्यादातर स्टूडेंट सोशल मीडिया के जरिये बोर्ड से यही मांग कर रहे हैं कि उनका असेसमेंट बेस्ट ऑफ ईदर टर्म सब्जेक्ट वाइज हो.