
IIT -JEE Advance परीक्षा में दरभंगा की अक्षरा ने न सिर्फ बाज़ी मारी बल्कि फीमेल कैटेगरी में पुरे गुवाहाटी ज़ोन में टॉपर बनी हैं. अक्षरा की सफलता से पूरे परिवार में खुशियों की लहर दौड़ गई. परिवार वालों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर आपस में खुशियां बांटीं और भगवान का भी शुक्रिया अदा किया. अक्षरा की मेहनत का परिणाम उनके पहले पहले प्रयास में ही सफलता के रूप में परिणत हुआ है.
सेल्फ स्टडी पर किया फोकस
महत्वपूर्ण बात यह है कि अक्षरा ने इसके लिए स्कूल की पढ़ाई के साथ सेल्फ स्टडी पर फोकस करके ये सफलता हासिल की है. कुछ समय के लिए अक्षरा ने एक कोचिंग से भी ऑनलाइन पढ़ाई की. अक्षरा ने बताया कि आगे की पढ़ाई के बाद उनका मकसद देश की सेवा करना है.
पिता बोले, बेटे से आगे है मेरी बेटी
अक्षरा के पिता रमेश साह ने अपने बेटी पर गर्व जताते हुए कहा कि बेटे से ज्यादा बेटी अच्छा कर रही है. आज समाज को बेटी के प्रति थोड़ी अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है. मानसिकता बदलकर समान अवसर दिए जाएं तो बेटी बेटों से भी आगे निकल जाएगी. अक्षरा की मां विजेता देवी ने कहा कि मेरी बेटी ने उम्मीद से ज्यादा अच्छा किया है. उनकी बेटी पर पहले से उन्हें पूरा भरोसा था.
बता दें कि अक्षरा के पिता पेशे से शिक्षक है और वे सीतामढ़ी जिले के आभापुर गांव के मूल निवासी है लेकिन पिछले कई वर्षो से दरभंगा में रहकर अपनी नौकरी की और बेटी को दरभंगा के ही एक निजी स्कुल में दाखिला करा कर पढ़ाया. वहीं अक्षरा की मां विजेता हाउस वाइफ है लेकिन अक्षरा को पढ़ाने लिखाने में पूरा सहयोग करती थी. वहीं पिता शिक्षक होने के कारण भी अक्षरा को पढ़ाई में अच्छा गाइडेंस मिलता रहा.
पहली बार में पहले नीट फिर जेईई और जेईई एडवांस
अक्षरा ने बताया कि नीट के बाद उन्होंने JEE एडवांस परीक्षा पहले प्रयास में ही क्लियर की है. वो इस बात से बेहद खुश हैं. साथ ही IIT-JEE Advance परीक्षा में फीमेल कैटेगरी में वे पुरे गुवाहाटी ज़ोन की टॉपर बनी है जिससे पुरे परिवार में उत्साह का माहौल बना हुआ है . अक्षरा चाहती है कि वह आगे किसी अच्छे IIT दिल्ली या मुम्बई में अपनी पढ़ाई पूरी करके देश की सेवा कर मिसाल कायम करें. अक्षरा ने बताया कि वो पढ़ाई कभी समय देखकर नहीं करती थीं. लेकिन जब भी पढ़ाई की अपनी संतुष्टि के लिए पढ़ाई की. स्कुल से लेकर घर परिवार में भी उन्हें पढ़ाई में बहुत सपोर्ट मिला.