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NEET 2020: चरवाहे का बेटा बनेगा डॉक्टर, सरकारी स्कूल के टीचर ने ऐसे कराई तैयारी

ये सक्सेस स्टोरी सिर्फ जीविथ कुमार के संघर्षों की ही नहीं है, बल्क‍ि उनके टीचर सबरीमाला जयकंदन की भी है. जयकंदन एक पूर्व सरकारी स्कूल शिक्षक हैं जिन्होंने पुलिस की नौकरी छोड़ने के बाद मेडिकल एस्प‍िरेंट एस अनीता की मौत के बाद अपनी टीचर की नौकरी भी छोड़ दी थी.

जीविथ कुमार के संघर्षों ने दिया उन्हें बड़ा मुकाम जीविथ कुमार के संघर्षों ने दिया उन्हें बड़ा मुकाम
aajtak.in
  • नई द‍िल्ली ,
  • 20 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 7:51 PM IST

तमिलनाडु के थेनी जिले के एन जीविथ कुमार ने नीट परीक्षा में सफल होकर इतिहास रच दिया है. जीविथ ने इस वर्ष के राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) में 720 में से 664 अंक प्राप्त किए हैं. अपनी ऑल इंडिया 1823 रैंक के साथ वो देश भर के सरकारी-स्कूल के उम्मीदवारों के बीच सर्वोच्च रैंक पाने वालों में से एक हैं. 

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जीवि‍थ के पिता एक चरवाहे हैं, वो आजिविका चलाने के लिए बकरी पालन करते हैं, जबकि उनकी मां एक मनरेगा कार्यकर्ता हैं. वो थेनी जिले के पेरियाकुलम के पास सिलवरपट्टी शहर के सरकारी मॉडल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के छात्र थे. जी‍विथ ने बारहवीं कक्षा में 548 अंक हासिल करके जिला टॉप किया था. परीक्षा देने का यह उनका दूसरा प्रयास था. इससे पहले, जीविथ ने सरकार की ओर से आयोजित 45-दिवसीय नीट कोचिंग शिविर में भाग लिया था और परीक्षा लिखी थी, लेकिन परीक्षा को पास करने में असफल रहे थे.

उन्हें इस तैयारी में उनके टीचर सबरीमाला जयकंदन ने मदद की. जयकंदन एक पूर्व सरकारी स्कूल शिक्षक हैं. उन्होंने पुलिस की नौकरी छोड़ने के बाद मेडिकल एस्प‍िरेंट एस अनीता की मौत पर भूख हड़ताल की थी. इसके बाद उन्होंने शि‍क्षक के पद से भी त्यागपत्र दे दिया था. सही मायने में कहा जाए तो जीविथ कुमार की सफलता के पीछे जयकंदन ही असल वास्तुकार हैं. जयकंदन पिछले तीन वर्षों से कई स्कूलों और कॉलेज के छात्रों से मिलकर जीविथ को किसी भी तरह नीट परीक्षा में सफल होने में मदद करने की कोशिश कर रहे थे. वह पैन विदुथलाई काची के संस्थापक भी हैं, जिसका उद्देश्य महिलाओं के उत्थान की दिशा में काम करना है. 

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इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में सबरीमाला जयकंदन ने बताया कि कैसे जीविथ कुमार उस प्रवेश परीक्षा में सफल हुए जो पिछले कुछ वर्षों से राज्य में बहस का विषय था. यही नहीं जीविथ ने 720 में से 664 अंक हासिल किए. उन्होंने कहा कि मैंने अपना इस्तीफा देने के बाद तमिलनाडु के कई स्कूलों और कॉलेजों का दौरा किया और शिक्षा प्रणाली के बारे में बात की. मेरा बस यही लक्ष्य था कि वो अपने सपने को कैसे पूरा कर सकते हैं.

उन्होंने कहा कि मुझे पता चला कि जीविथ ने दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं में बहुत अच्छे अंक हासिल किए हैं और वो नीट क्लियर करके डॉक्टर बनना चाहते हैं ताकि चिकित्सा को आगे बढ़ा सकें. मैं तुरंत वहां गया और जीविथ कुमार और उनके माता-पिता से बात करके उनकी स्थिति को समझा और ये समझा कि मैं उनकी मदद कैसे कर सकता हूं. मैंने जीविथ से पूछा कि वह NEET में कितना स्कोर करने के बारे में खुद को तैयार समझता है, उसने जवाब दिया कि वह 650 से अधिक स्कोर करेगा. उसने कहा कि अगर वह डॉक्टर बन जाता है, तो वह अन्य सरकारी स्कूल के छात्रों को उनके सपने को हासिल करने में मदद करेगा और यह भी वादा किया कि वह लोगों की सेवा करेगा. 

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नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने 16 अक्टूबर को नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) 2020 के लिए रिजल्ट घोषित कर दिया. जो उम्मीदवार परीक्षा के लिए उपस्थित हुए थे, NEET की आधिकारिक वेबसाइट ntaneet.nic.in पर उनके परिणाम जारी किए गए हैं. 

बता दें कि NEET 2020 की परीक्षा 13 सितंबर, 2020 को आयोजित की गई थी. कोविड -19 महामारी और लॉकडाउन के विस्तार के कारण कई बार देरी हुई. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष लगभग 13.66 लाख छात्र परीक्षा के लिए उपस्थित हुए थे. 

नीट परीक्षा के जरिए देश भर के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस और बीडीएस में दाखि‍ला मिलता है. इसमें ऑल इंडिया रैंकिंग के हिसाब से देश के टॉप मेडिकल संस्थानों में एडमिशन होता है. इस बार कोरोना के चलते कंटेनमेंट जोन के परीक्षा केंद्र भी निरस्त कर दि‍ए गए थे. स्वास्थ्य मंत्रालय की सभी गाइडलाइंस को ध्यान में रखते हुए देश भर में ये परीक्षा आयोजित की गई थी. इस परीक्षा के लिए देश भर के 15 लाख से ज्यादा छात्रों ने आवेदन किया था. इस साल, NEET 2020 परीक्षा 3,800 केंद्रों पर आयोजित की गई थी. परीक्षा में कुल उम्मीदवारों में से लगभग 90 प्रतिशत उपस्थित हुए थे.

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