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NEET Success Story: किसान हैं माता-पिता, बेटा बनेगा डॉक्टर... गोविंद ने बताई संघर्ष की कहानी

NEET Success Story 2023: गोविंद के पिता बाबू लाल मीणा और माता बरजी बाई खेती-किसानी करते हैं जिससे उनका घर मुश्किल से चलता है. खुद निरक्षर होने के बावजूद बच्चों की पढ़ाई के लिए जी-जान लगा दिया. दोनों बेटियां एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं और अब बेटे ने भी नीट यूजी 2023 में रिजर्व कैटेगरी से 77वीं रैंक हासिल की है. पढ़ें गोविंद की संघर्ष की कहानी.

राजस्थान के गोविंद मीणा ने नीट यूजी 2023 में एसटी कैटेगरी से 77वीं रैंक हासिल की है. राजस्थान के गोविंद मीणा ने नीट यूजी 2023 में एसटी कैटेगरी से 77वीं रैंक हासिल की है.
अमन कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 17 जून 2023,
  • अपडेटेड 7:15 PM IST

NEET Success Story: नीट यूजी का रिजल्ट जारी होने के बाद रोजाना छात्रों की सफलता के पीछे की संघर्ष की कहानियां सामने आ रही हैं. उन्हीं में से एक हैं राजस्थान के रहने वाले गोविंद मीणा, जिन्होंने अनुसूचित जनजाति (ST) कैटेगरी से नीट यूजी की परीक्षा में 77वीं रैंक हासिल की है. आज राजस्थान के झालावाड़ जिले के भूमरी गांव में गोविंद की कामयाबी को सराहाया जा रहा है. रिश्तेदार और गांव के लोग गोविंद के साथ-साथ उनके माता-पिता की भी सरहाना कर रहे हैं जिन्होंने बहुत कम संसाधनों और माली-हालत के बावजूद बच्चों की पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी.

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किसान हैं माता-पिता
गोविंद के पिता बाबू लाल मीणा और माता बरजी बाई खेती-किसानी करते हैं जिससे उनका घर मुश्किल से चलता है. खुद निरक्षर हैं, लेकिन पढ़ाई की अहमियत बखूबी जानते हैं. यही वजह है कि खुद निरक्षर होने के बावजूद उन्होंने अपने तीनों बच्चों की पढ़ाई के लिए जी-जान लगा दी, दिन रात मेहनत की, खेत में जुटे रहे और आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी न होने के बाद भी आज बच्चों को कामयाबी की सीढ़ी थमा दी है. वे न सिर्फ गोंविद बल्कि अपनी दोनों बेटियों को भी कामयाब बना रहे हैं. गोविंद की दोनों बहनें भी एमबीबीएस कर रही हैं. एक बहन कोटा से और दूसरी बहन भरतपुर से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है.

10वीं क्लास में देखा डॉक्टर बनने का सपना
गोविंद ने बताया कि 10वीं क्लास में अच्छे मार्क्स आने के बाद उन्होंने डॉक्टर बनने का सपना देखा. 10वीं क्लास में 98.17 प्रतिशत मार्क्स हासिल करने के बाद स्कूल टीचर्स ने गोविंद की सरहाना की. टीचर्स ने हमेशा आगे बढ़ने के लिए मोटिवेट किया. तभी से गोविंद ने डॉक्टर बनने का सपना देखा, जो अब सच होने जा रहा है.

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कोरोना काल ने डराया, फिर भी नहीं मानी हार
कोरोना काल, यह एक ऐसा दौर था जब शायद ही कोई इससे प्रभावित न हुआ हो, खासकर छात्र. स्कूल-कॉलेज बंद तो हो गए थे लेकिन फिर से कब खुलेंगे इसका कोई अता-पता नहीं था. गोविंद भी इस दौरान अपनी पढ़ाई और करियर को लेकर चिंता में थे, फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी. 12वीं क्लास में उन्होंने 87.40% अकं हासिल किए. सबसे ज्यादा बायोलॉजी में 96 नंबर आए, केमिस्ट्री और हिंदी में 90-90 नंबर, इंग्लिश में 76, फिजिक्स में 85 नंबर प्राप्त किए और फर्स्ट डिवीजन से 12वीं बोर्ड परीक्षा पास की.

ऑनलाइन पढ़ाई के लिए पिता ने दिलाया मोबाइल फोन
कोरोना के समय जब पढ़ाई करना मुश्किल हो गया था, कोई रास्ता नहीं दिख रहा था तब गोविंद के पिता ने उन्हें एक मोबाइल फोन लाकर दिया. गोविंद को पिता का यह गिफ्ट हमेशा याद रहेगा जिसकी वजह से पढ़ाई जारी रही. उन्होंने बताया कि मोबाइल फोन मिलने के बाद उन्होंने ऑनलाइन पढ़ाई करना शुरू कर दिया और काफी मदद मिली.

मोशन एजुकेशन कोचिंग सेंटर का मिला साथ
गोविंद ने ठान तो लिया था कि उन्हें डॉक्टर बनना है, 10वीं और 12वीं में अच्छे नंबर मिले थे लेकिन फिर भी एक अच्छे गाइडेंस की जरूरत थी, जो राजस्थान के मोशन एजुकेशन कोचिंग सेंटर से मिली. गोविंद ने बताया कि उन्होंने सितंबर 2022 में नीट की तैयारी शुरू और मोशन एजुकेशन ज्वॉइन किया. गोविंद बताते हैं कि यहां टीचर्स ने नीट की तैयारी के लिए काफी मदद की. नीट परीक्षा में बहुत कम बचा था, फिर भी टीचर्स ने क्लास में और क्लास के बाद भी डाउट्स क्लियर किए, खासकर अशोक सर जिन्होंने नीट की तैयारी के लिए हर तरह से मदद की. सुबह 4-5 बजे उठकर दो-तीन घंटे घर पर रहकर और फिर दोपहर 1 बजे से रात 08.30 बजे तक पढ़ाई की. रोजाना 7 से 8 घंटे पढ़ाई की.

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