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राजस्थान बोर्ड टॉपर ने शेयर किया अपना टाइमटेबल, 10वीं में ऐसे हासिल किए हैं 99 प्रतिशत अंक

राजस्थान बोर्ड 10वीं रिजल्ट में जालोर जिले की जाह्नवी कुंवर 99 प्रतिशत से भी ज्यादा अंक लेकर आई हैं. जाह्नवी ने बताया कि वह इस परीक्षा में पास होने के लिए कड़ी मेहनत और दिन रात पढ़ाई किया करती थीं.

Rajasthan board topper Jahnvi Kumawat Rajasthan board topper Jahnvi Kumawat
राहुल त्रिपाठी
  • जालोर,
  • 31 मई 2024,
  • अपडेटेड 7:34 AM IST

Rajasthan Board Topper: राजस्थान बोर्ड ने कक्षा 10वीं के परिणाम बुधवार को जारी कर दिए हैं. इस परीक्षा में कई स्टूडेंट्स ने अच्छे अंक लाकर अपने माता पिता और शिक्षकों का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है, जिनमें से एक हैं जाह्नवी कुंवर ओपावत. जाह्नवी हाई स्कूल की बोर्ड परीक्षा में 99.3 प्रतिशत अंक लेकर आई हैं. बेटी की इस उपलब्धि पर आज पूरा परिवार बेहद खुश है. रिजल्ट आते ही परिवार वालों ने जाह्नवी को पगड़ी और माला पहनाई, इसके बाद बेटी का मुंह मीठा कराया. जाह्नवी ने अपने माता-पिता के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया और धन्यवाद किया. जाह्नवी ने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है.

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राजस्थान के जालोर जिले के भीनमाल कस्बे की बेटी जाह्नवी कुंवर ओपावत ने 99.3 प्र‍तिशत से ज्यादा अंक हासिल कर एक इतिहास रच दिया. परिणामों की घोषणा के बाद से बधाई देने वालों की लाइन लग गई है. जान्हवी के पिता अशोक सिंह पेशे से वकील और मां हाउसवाइफ हैं. जान्हवी कंवर आदर्श विद्यामन्दिर उच्च माध्यमिक बालिका विद्यालय भीनमाल की छात्रा हैं. 

10वीं में 99.3 प्रतिशत अंक

रिजल्ट की घोषणा के दौरान जान्हवी छुट्टियां मनाने अपनी मां निरमा कुंवर के साथ सिरोही जिले के चांदना गांव अपनी नानी के यहां आई हुई थीं. रिजल्ट देखकर नानी की खुशी का भी ठिकाना नहीं था. दसवी बोर्ड परीक्षा में 99.3 प्रतिशत अंक हासिल करके इतिहास रचने वाली जाह्नवी कुंवर अपनी इस सफलता के लिए मां निरमा कुंवर और पिता एडवोकेट अशोक सिंह ओपावत को श्रेय देती हैं साथ ही विध्यालय के गुरुजनों के मोटिवेशन को भी इस सफलता की वजह मानती हैं.

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7-8 घंटे पढ़ाई करके निकाला एग्जाम

जाह्नवी ने aajtak.in से बातचीत करते हुए बताया कि वह किस तरह से पढ़ाई किया करती थीं. अपने स्टडी शेड्यूल के बारे में जानकारी देते हुए जाह्नवी बताती हैं कि वह रूटीन में तक़रीबन 4 घंटे की सेल्फ स्टडी करती थीं और परीक्षा की दिनों में 7 से 8 घंटे तक पढ़ती थीं. जाह्नवी अपने करियर को लेकर फोकस है और आगे चलकर वो डाक्टर बनना चाहती हैं. 

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