
गुवाहाटी में आयोजित AIBA विश्व महिला चैंपियन युवा बॉक्सिंग चैपिंयनशिप के आखिरी दिन अंकुशिता बोरो ने गोल्ड मेडल जीत हासिल किया. बोरो ने यह कीर्तिमान रच साबित कर दिया कि छोटे गांव से आने वाली लड़कियों को मौका मिले, तो वो कई मुकाम हासिल कर सकती हैं.
मजदूरी कर परिवार पालता है ये खिलाड़ी, देता है युवाओं को ट्रेनिंगअसम के शोणितपुर जिले के एक छोटे से गांव ठेलामारी की रहने वाली अंकुशिता ने उस खेल में अपना करियर बनाने के बारे में सोचा, जिसे आमतौर पर लड़कों का खेल माना जाता है. उन्होंने बचपन से ही बॉक्सिंग में करियर बनाने के बारे में सोचा. हालांकि शुरूआत में काफी मुश्किलें आईं, लेकिन उनकी जिद्द और बुलंद हौसले के आगे कठिनाईयों ने घुटने टेक दिए.
पिता ने किया सपोर्ट...
अंकुशिता ने एक इंटरव्यू में बताया कि किसी भी फील्ड में करियर बनाने के लिए परिवार का सपोर्ट होना सबसे ज्यादा जरूरी है. मैंने ऐसा खेल चुना, जिसे आमतौर पर समाज लड़कियों को खेलते हुए नहीं देखना चाहता. लेकिन मेरे पिताजी ने समाज की बातों को दरकिनार कर मुझे बॉक्सिंग में आगे आने में मदद की.
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बता दें कि उनके पिता प्राइवेट स्कूल में शिक्षक हैं और वेतन के नाम पर बहुत कम पैसे मिलते हैं और कई बार महीनों तक कुछ नहीं मिलता. ऐसी स्थिति में उनके लिए घर का खर्च चलाना ही मुश्किल था. ऐसी स्थिति में अंकुशिता को जब बॉक्सिंग से जुड़े सामान की जरूरत होती थी, तो वह कुछ मांगने की हिम्मत नहीं कर पाती थी.
शुरुआती संघर्ष...
अंकुशिता का बॉक्सिंग में शुरुआती सफर काफी मुश्किलों भरा रहा उन्होंने बताया कि आर्थिक स्थिति को सुधारने में हमारी मदद दादाजी ने की. बाद में मेरे एक भइया मुझे गोलाघाट स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) में ले गए और वहां मेरा सलेक्शन हो गया.
2012 में शुरू की बॉक्सिंग
अंकुशिता ने बॉक्सिंग की शुरुआत साल 2012 में की. उन्होंने बताया जब नया बॉक्सिंग फेडरेशन बना तो नई दिल्ली में खेले गए पहले युवा नेशनल चैम्पियनशिप में मैंने ब्रांज मेडल जीता था. यहीं से मेरा आत्मविश्वास बढ़ा.
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अंकुशिता ने 27 नवंबर, 2017 को गुवाहाटी में खेले गए AIBA विश्व महिला चैंपियन युवा बॉक्सिंग चैपिंयनशिप में (64 किलोग्राम) के फाइनल में रूस की डाइनिक एकाटेरिना को हराकर गोल्ड मेडल जीत लिया है. इतना ही नही इस चैम्पियनशिप में अंकुशिता बोडो ने सर्वश्रेष्ठ बॉक्सर का खिताब भी अपने नाम किया.
बता दें कि AIBA विश्व महिला चैंपियन युवा बॉक्सिंग चैपिंयनशिप के आखिरी दिन में 1 या 2 नहीं बल्कि 5 गोल्ड मेडल जीत कर इतिहास भारत की बेटियों ने इतिहास रच दिया. जिसमें अंकुशिता बोरो के अलावा नीतू, ज्योति गुलिया, साक्षी चौधरी और शशि चोपड़ा शामिल हैं.