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एक शख्स जिसकी दिमागी तेजी ने लाखों जानें बचाईं...

एलन ट्यूरिंग दूसरे वर्ल्ड वॉर का एक ऐसा नाम है जिसने तबाही के बजाय जिंदगी का पक्ष लिया. जिनकी सूझबूझ औऱ दिमागी तेजी की वजह से लाखों जानें बचाई जा सकीं. वे साल 1954 में 7 जून को ही दुनिया से रुखसत हुए थे.

Alan Turing Alan Turing
विष्णु नारायण
  • नई दिल्ली,
  • 07 जून 2016,
  • अपडेटेड 1:33 PM IST

एलन ट्यूरिंग को दुनिया एक ऐसे शख्स के तौर पर जानती है जिनकी वजह से दूसरे वर्ल्ड वॉर के दौरान लाखों जानें बचाईं जा सकीं. वे कंप्यूटर विज्ञानी, गणितज्ञ और क्रिप्टएनलिस्ट थे. वे साल 1954 में 7 जून को ही दुनिया से रुखसत हो गए थे.

1. उन्हें दूसरे वर्ल्ड वॉर के दौरान एनिग्मा कोड तोड़ने वाले के रूप में काम किया लेकिन यह बात कई सालों तक गोपनीय रही.

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2. 1930 की शुरुआत में ट्यूरिंग ने यूनिवर्सल मशीन की अवधारणा तैयार की, जो किसी भी कंप्यूटेशनल प्रॉब्लम का हल निकाल सकती थी.

3. उनके पिता भारतीय सिविल सेवा का हिस्सा रहे और उनके नाना मद्रास रेलवे के चीफ इंजीनियर थे.

4. उन्हें दौड़ना अच्छा लगता था और वो पहली वर्ल्ड वॉर के दौरान कई बार मीटिंग में पहुंचने के लिए ब्लेशले से लंदन तक 64 किलोमीटर दौड़ा करते थे.

5. उनकी जिंदगी पर बनी दो फिल्में, ब्रेकिंग द कोड-1996 और द इमिटेशन गेम -2004 में रिलीज हुईं.

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