Advertisement

नहीं रहे मशहूर शायर अनवर जलालपुरी, गीता का उर्दू में किया था अनुवाद

उन्हें 28 दिसंबर को उनके घर में मस्तिष्क आघात के बाद किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था, जहां सुबह करीब सवा नौ बजे उन्होंने अंतिम सांस ली.

फोटो साभार: @Rekhta फोटो साभार: @Rekhta
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 02 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 3:24 PM IST

उर्दू के मशहूर शायर अनवर जलालपुरी का देहांत हो गया है. वह करीब 70 वर्ष के थे. उन्होंने मंगलवार सुबह लखनऊ स्थित ट्रॉमा सेंटर में आखिरी सांस ली. उनके परिवार में तीन बेटे और पत्नी है. उन्होंने गीता का उर्दू में अनुवाद किया था.

जलालपुरी के बेटे शाहकार के अनुसार, जलालपुरी को गत 28 दिसंबर को उनके घर में मस्तिष्क आघात के बाद किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था, जहां सुबह करीब सवा नौ बजे उन्होंने अंतिम सांस ली.

Advertisement

2015 में उन्हें उत्तर प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ यश भारती सम्मान से नवाजा गया था. जलालपुरी को गुरुवार दोपहर में जोहर की नमाज के बाद अंबेडकर नगर स्थित उनके पैतृक स्थल जलालपुर में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा.

मुशायरों की जान माने जाने वाले जलालपुरी ने राहरौ से रहनुमा तक उर्दू शायरी में गीतांजलि तथा भगवद्गीता के उर्दू संस्करण उर्दू शायरी में गीता पुस्तकें लिखीं जिन्हें बेहद सराहा गया था. उन्होंने अकबर द ग्रेट धारावाहिक के संवाद भी लिखे थे.

अनवर जलालपुरी के कुछ मशहूर शेर...

अब नाम नहीं काम का क़ाएल है ज़माना

अब नाम किसी शख़्स का रावन न मिलेगा

मेरा हर शेर हक़ीक़त की है ज़िंदा तस्वीर

अपने अशआर में क़िस्सा नहीं लिख्खा मैं ने

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement