
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU)परिसर में 'बढ़ती छेड़खानी' की घटनाओं के खिलाफ विवाद जारी है. सुरक्षा की मांग कर रही छात्राओं के विरोध प्रदर्शन से शुरू हुआ बवाल थमने का नाम ही नहीं ले रहा. वहीं, प्रदर्शन के चलते पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. छात्र-छात्राओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. स्टूडेंट्स की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं. कुछ विभाग में सेमेस्टर परीक्षाएं कैंसिल हो गई हैं.
परीक्षाएं हुई कैंसिल, हॉस्टल बंद होने से दिक्कत
बीएचयू में हो रहे बवाल के कारण सेमेस्टर परीक्षाएं आगे के लिए टाल दी गई है. सोमवार से कुछ सब्जेक्ट की परीक्षाएं होनी थी लेकिन अवकाश कर दिए जाने के कारण परीक्षाएं लंबित कर दी गई. अब छात्र-छात्राओं को नई तारीख का इंतजार करना है. वहीं स्टूडेंट्स को रविवार को हॉस्टल छोड़ने का नोटिस दे दिया गया, जिसके चलते स्टूडेंट्स को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
बता दें कि बीएचयू में हो रहे विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर विश्वविद्यालय में सोमवार से अवकाश घोषित कर दिया गया और अब नवरात्रों की छुट्टी के बाद 6 अक्टूबर 2017 को विश्वविद्यालय खुलेगा.
वाराणसी के बाहर के स्टूडेंट सबसे ज्यादा परेशान
प्रदर्शन के कारण वाराणसी के बाहर के स्टूडेंट सबसे ज्यादा परेशान है. अचानक से हॉस्टल बंद कर देने का नोटिस जारी कर दिया गया. उन्हें हॉस्टल खाली करने के लिए मजबूर किया गया. ऐसे में आनन-फानन सारा इंतजाम करना मुश्किलें पैदा करने वाला है. वाराणसी के बाहर की छात्राएं अचानक हॉस्टल छोड़ने के नोटिस से ज्यादा परेशान हैं. एक तरफ तो सुरक्षा की चिंता वहीं दूसरी ओर पैसों के आभाव में घर जाना उनकी दिक्कतें बढ़ाने वाला है. हॉस्टल में बिजली-पानी सप्लाई काट दी गई है.
मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, तमिलनाडु जैसे राज्यों के स्टूडेंट लौटे
रविवार को हॉस्टल छोड़ने के नोटिस के बाद मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, तमिलनाडु जैसे राज्यों के स्टूडेंट लौटना पड़ा. बता दें कि विश्विद्यालय के छात्रावास में करीब 25 हजार स्टूडेंट रहते हैं.
लंबी छुट्टी से पढ़ाई होगी प्रभावित
प्रदर्शन के चलते प्रशासन ने छुट्टी का ऐलान कर दिया है. जिसके चलते स्टूडेंट्स की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. परीक्षाओं का कैंसिल होना, हॉस्टल छोड़कर घर जाना स्टूडेंट्स की पढ़ाई पर असर डाल रहा है. इन सब के चलते स्टूडेंट्स पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पा रहे है.
अभी भी नहीं सुधरे हालात
बीएचयू परिसर में अभी भी हालात नहीं सुधरे हैं. माहौल गर्म है. पुलिस जवानों की तैनाती के बीच विवाद जारी है. बीएचयू परिसर में हिंसक वारदात और शांति भंग के आरोपों के तहत 1200 अज्ञात छात्र-छात्राओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. वहीं यूनिवर्सिटी कैंपस में लाठीचार्ज के लिए पहली नजर में दोषी पाए गए लंका थाने के इंचार्ज, भेलूपुर के सीओ और एक अतिरिक्त सिटी मजिस्ट्रेट को हटा दिया गया है. बीएचयू के बाहर छात्र-छात्रों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने कैंपस के अंदर पुलिस बुला लिया है और आसपास की दुकानों को एहतियातन बंद करा दिया गया है.
ऐसे शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन
विरोध प्रदर्शन की शुरुआत गुरूवार (21 सितंबर) से हुई. ऐसा तब हुआ आर्ट्स डिपार्टमेंट की एक छात्रा अपने हॉस्टल लौट रही थी उसी वक्त मोटरसाइकिल सवार तीन लोगों ने कथित तौर पर उसका उत्पीड़न किया. छात्रा के मुताबिक, जब उसने उन लोगों का विरोध किया, तो तीन लोगों ने उसके साथ गाली-गलौज की और उसके बाद भाग गए. छात्राओं ने आरोप लगाया कि घटनास्थल से तकरीबन 100 मीटर की दूरी पर मौजूद सुरक्षा गार्डों ने उन लोगों को रोकने के लिए कुछ भी नहीं किया.
लगातार छेड़खानी का आरोप
बीएचयू की छात्राओं ने लगातार छेड़खानी का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि उन्हें कैंपस में लगातार ही छेड़खानी का सामना करना पड़ता है. विश्वविद्यालय प्रशासन असामाजिक तत्वों को रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.