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बॉर्डर पर तैनात रहकर पूरे देश की हिफाजत करने वाले जवानों के लिए 17 साल के एक लड़के ने ऐसा रोबोट तैयार किया है, जिसकी वजह से जवानों की जान सुरक्षित रहेगी. इस रोबोट की खासयित है कि बॉर्डर पर जंग लड़ते समय देश के जवानों की बजाए इस रोबोटिक जवान का इस्तेमाल किया जा सकता है.
किसने बनाया इसे
इसे आेडिशा के बालासोर जिले के नीलमादाब ने तैयार किया है. उसका दावा है कि ये रोबोट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आधार पर काम करेगा और सीमा की सुरक्षा करेगा.
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रोबोट बनाने की शुरुआत
नीलमादाब ने पहली बार इस रोबोट को बनाने की कोशिश की थी, जब वह क्लास 6 में था. लेकिन वह रोबोट बनाने में कामयाब नहीं हो सका. उसके बाद उसने ठान लिया कि वह रोबोट बनाकर ही रहेगा.
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दिन-रात मेहनत की
ऐसा रोबोट बनाना आसान काम नहीं था. इसके लिए कड़ी मेहनत की जरूरत थी. नीलमादाब की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी फिर भी उसने उसने धीरे-धीरे विज्ञान और प्रौद्योगिकी की अच्छी समझ हासिल कर ली. हालांकि आर्थिक स्थिति के चलते वह अपनी पढ़ाई के लिए चिंचित था. लेकिन इंटरनेट के जरिए अपने ज्ञान को बढ़ाया. फिर धीरे-धीरे उसने विज्ञान में अपनी पकड़ बनाई. फिर दिन-रात मेहनत करके इस रोबोट को बनाने में सफलता प्राप्त की .
हाथ नहीं, पैरों से पेंटिंग बनाकर बनाई पहचान
रोबोट का नाम
नीलमादाब ने अपने इस रोबोट का नाम रखा है एटम 3.7. उसका कहना है कि इस रोबोट का रक्षा, ऑटोमैटिक स्टार्ट, मनोरंजन के क्षेत्र में, शिक्षा के क्षेत्र में, विनिर्माण उद्योग और घरेलू सेवाओं जैसे क्षेत्रों में मानव कर्मचारियों की जगह के लिए भी इसे इस्तेमाल किया जा सकता है.