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NAD के गठन को मिली मंजूरी, अब डिजिटल हो जाएंगे सभी के एजुकेशन रिकॉर्ड्स

केंद्र सरकार ने अगले तीन माह में NAD के गठन करने का फैसला लिया है. यह सभी की डिग्रियों और सर्टिफिकेट्स को डिजिटल करने का काम करेगा. वर्ष 2017-18 तक सभी शिक्षा संस्‍थानों को इसमें शामिल कर लेने की योजना है...

डिजिटल होंगी डिग्रियां और सर्टिफिकेट्स डिजिटल होंगी डिग्रियां और सर्टिफिकेट्स
मेधा चावला
  • नई दिल्‍ली,
  • 28 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 3:53 PM IST

यूनियन कैबिनेट ने गुरुवार को नेशनल एकेडमिक डिपोसटरी (NAD) के गठन की मंजूरी दे दी है. अब NAD ही सभी एजुकेशन रिकॉर्ड्स का डिजिटल बैंक होगा. इसमें स्‍कूल से लेकर आपका पूरा शैक्षिक रिकॉर्ड दर्ज होगा. जैसे कंपनी शेयर्स, स्‍कूल लीविंग सर्टिफिकेट्स, मार्कशीट्स, डिग्री, डिप्‍लोमा आदि. इन सभी को नेशनल सिक्‍योरिटीज डिपोजटरी लिमिटेड (NSDL) और सेंट्रल डिपोजटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL) डी-मैट फार्मेट में बदलेगा.

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कैबिनेट ने फैसला किया कि NAD को तीन माह के अंदर स्‍थापित किया जाएगा और वर्ष 2017-18 तक इसके तह सभी शैक्षिक संगठनों को शामिल कर लिया जाएगा. सरकारी प्रेस रिलीज में बताया गया है, 'किसी के अकादमिक रिकॉर्ड्स आदि की जानकारी उस छात्र की अनुमति मिलने के बाद ही किसी अन्‍य को प्रदान की जाएगी.'

HRD मंत्रालय का ऐलान- 2017 से डिग्रियां और सर्टिफिकेट डिजिटल फॉर्म में ही मिला करेंगे

गौरतलब है कि NAD की घोषणा वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने इस साल बजट भाषण में की थी. मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इसकी स्‍थापना से फर्जी एजुकेशनल सर्टिफिकेट्स की समस्‍या समाप्‍त हो जाएगी.

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