
NEET पेपर लीक मामले में CBI ने 3 और आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों में पेपर लीक गैंग का किंगपिन शशि कांत पासवान भी शामिल है. शशि कांत हजारीबाग से पेपर चोरी करने वाले पंकज और गिरफ्तार रॉकी से जुड़ा हुआ है. इसके अलावा गिरफ्तार किए गए आरोपियों में 2 सॉल्वर भी शामिल हैं. आरोपी कुमार मंगलम राजस्थान के भरतपुर से MBBS सेकेंड ईयर का स्टूडेंट है और दूसरा आरोपी दीपेंद्र शर्मा भी भरतपुर सेकेंड ईयर का स्टूडेंट है. पेपर लीक के दौरान कुमार मंगलम और दीपेंद्र दोनों हजारीबाग में मौजूद थे और पेपर सॉल्व करके दिया था.
बता दें कि चार जून को नीट यूजी परीक्षा का परिणाम सामने आने के बाद से ही अभ्यर्थियों में खलबली मची हुई है. रिजल्ट देखने के बाद 67 टॉपर्स और एक ही सेंटर से 8 टॉपर का नाम लिस्ट में देखने के बाद छात्रों को परीक्षा में धांधली का संदेह था. इसके बाद छात्रों ने सड़कों से लेकर सोशल मीडिया पर एनटीए के खिलाफ जांच की मांग उठाई. सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गईं और इस बीच कोर्ट के सामने एनटीए ने फैसला लिया कि वह ग्रेस मार्क्स वाले कैंडिडेट्स का दोबारा एग्जाम करवाएंगे. 23 जून को परीक्षा हुई और टॉपर 67 से घटकर 61 हो गए.
पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई है. फिलहाल सीबीआई की कस्टडी में 20 से ज्यादा आरोपी हैं. इन आरोपियों से पूछताछ करने में सीबीआई जुटी हुई है, जिससे कई बड़े खुलासे हो सकते हैं. पूछताछ में माफिया संजीव मुखिया का सुराग तलाशने की कोशिश भी है. पूछताछ में गैंग से जुड़े और लोगों के बारे में जानकारी भी मिलने की उम्मीद है.
दरअसल, सीबीआई ने बिहार में हुए पेपर लीक को साबित करने के लिए अहम कड़ियां जोड़ी. कई आरोपियों को दबोचा गया और उनके द्वारा दी गई जानकारी से सीबीआई हजारीबाग स्कूल के प्रिंसिपल तक पहुंची. इसी स्कूल के सेंटर वाला पेपर आधा जला सेफ हाउस से मिला था. सीबीआई के हत्थे पेपर चुराने वाले रवि और पंकज चढ़े, जो कि हजारीबाग से ही पकड़े गए. पंकज पर हजारीबाग में ट्रक से से पेपर चोरी करने और आगे बांटने का आरोप है. वहीं रवि ने पेपर को आगे लोगों को देने में मदद की थी.
पटना AIIMS तक जुड़े पेपर लीक के तार
कड़ियों को जोड़ते हुए सीबीआई की टीम की जांच पटना AIIMS तक जा पहुंची. यहां से गुरुवार को चार मेडिकल के छात्रों को गिरफ्तार किया गया. सीबीआई ने सेकंड ईयर के मेडिकल छात्र करन जैन, थर्ड ईयर के छात्र कुमार शानू, राहुल आनंद और चन्दन सिंह को गिरफ्तार किया. सभी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने सभी आरोपियों की 4 दिन की रिमांड दी है. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि पंकज नाम के आरोपी ने इन सभी को हजारीबाग से चुराया हुआ NEET का पेपर दिया था, जो इन्होंने सॉल्व किया था. सॉल्व किया हुआ पेपर पंकज और उसके गैंग ने एग्जाम देने वाले अपने क्लाइंट को दिया था.
पेपर लीक का मास्टरमाइंड है संजीव
साल 2010 से कई एग्जाम के पेपर लीक मामले में इसका नाम आता रहा है. संजीव मुखिया पहले बिहार के सबसे बड़े शिक्षा माफिया रंजीत डॉन के साथ काम करता था, फिर उसने खुद अपना गैंग बना लिया. हाल ही में BPSC एग्जाम का पेपर संजीव मुखिया और उसके गैंग ने लीक करवाया था. संजीव मुखिया फरार है और उसकी तरफ से अग्रिम जमानत की याचिका दायर की गई है. संजीव मुखिया पेपर लीक गिरोह को नालंदा से ही ऑपरेट किया करता था. संजीव नालंदा उद्यान महाविद्यालय में टेक्निकल असिस्टेंट के पद पर कार्यरत रहा है.
सबसे बड़ा राजदार साबित हुआ रॉकी
पेपर लीक कांड में रॉकी अब तक का सबसे बड़ा राजदार साबित हुआ है. रॉकी ने सीबीआई के सामने पेपर सॉल्व करने वाले एमबीबीएस छात्रों का राज उगला जिसके बाद पटना AIIMS के चार मेडिकल स्टूडेंट्स की गिरफ्तारी हुई. रॉकी के लिए सॉल्वर्स का जुगाड़ करने में सुरेंद्र नाम के एक शख्स ने भी अहम भूमिका निभाई थी. सीबीआई ने सुरेंद्र को भी गिरफ्तार किया है और उसे भी चार मेडिकल स्टूडेंट्स के साथ रिमांड पर लिया है. सुरेंद्र ने ही लीक किया हुआ पेपर सॉल्व करने के लिए मेडिकल स्टूडेंट्स को राजी किया था.