
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के एजुकेशन सिस्टम को राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप लाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है. राज्य की स्टीयरिंग कमेटी ने कक्षा 3 से 12 तक के छात्रों के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के पाठ्यक्रम को अपनाने की मंजूरी दे दी है. इस फैसले की जानकारी स्कूल शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने विधान परिषद में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के दिशा-निर्देशों के तहत, राज्य सरकार अब राज्य बोर्ड स्कूलों में ज्यादातर CBSE पाठ्यक्रम को लागू करेगी. यह बदलाव शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से प्रभावी होगा, जिसका उद्देश्य सभी शैक्षणिक संस्थानों में एकरूपता और मानकीकरण लाना है.
बीजेपी सदस्य प्रसाद लाड ने इस विषय पर प्रश्न उठाया था और पाठ्यक्रम अपनाने की प्रक्रिया पर स्पष्टीकरण मांगा था. इसके जवाब में मंत्री दादा भुसे ने पुष्टि की कि यह कदम आंशिक रूप से सही है, क्योंकि अभी इस बदलाव के पूर्ण पैमाने पर क्रियान्वयन को लेकर चर्चा जारी है. भुसे ने कहा कि संचालन कमेटी पाठ्यक्रम को लागू करने की रूपरेखा पर विचार कर रही है और राज्य के स्कूलों में इसे प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए चर्चा जारी है.
सूबे के शिक्षामंत्री दादाजी भुसे ने गुरुवार को घोषणा की कि शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से राज्यभर के सरकारी स्कूलों में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) पैटर्न लागू किया जाएगा. मंत्री ने विधान परिषद को बताया कि शिक्षा विभाग ने राज्य शिक्षा बोर्ड द्वारा शासित स्कूलों को सीबीएसई पाठ्यक्रम लागू करने के निर्देश जारी किए हैं.
मंत्री ने कहा कि सीबीएसई पैटर्न को शैक्षणिक वर्ष 2025-2026 से लागू किया जाएगा और सरकार ने राज्य में छात्रों की गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से यह निर्णय लिया है. उन्होंने ये ऐलान संचालन समिति द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग के संबंध में राज्य पाठ्यक्रम रूपरेखा को मंजूरी देने के बाद किया है, बता दें कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अगले 100 दिनों के लिए स्कूल शिक्षा विभाग सहित सभी विभागों के काम की समीक्षा भी की थी.